• April 15, 2015

बर्लिन : प्रेस वक्तव्य : प्रश्नों के जबाब में प्रधानमंत्री के उत्तर

बर्लिन  : प्रेस वक्तव्य :  प्रश्नों के जबाब में प्रधानमंत्री के उत्तर

प्रधानमंत्री की जर्मनी यात्रा से संबंधित प्रश्न का उत्तरः

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी: आज पूरे विश्व का ध्यान भारत की तरफ जा रहा है। भारत दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली Economy के रूप में उसने अपनी जगह बनाई है। भारत के पास तीन प्रमुख ऐसी सुविधाएं हैं, जो विश्व में किसी के पास नहीं है। Demographic Dividend, Democracy and Demand. और इन तीनों बातों को देखें तो भारत में manufacturing hub बनने की पूरी संभावना है। जहां low cost manufacturing हो, “zero defect-zero effect” के साथ हो और दुनिया के सभी investors के लिए भारत एक ऐसी जगह है कि जहां पर विपुल मात्रा में work force है। 5

जहां बहुत बड़ी मात्रा में domestic मांग है और जहां की democratic values हैं। जो जर्मनी और भारत दोनों समान रूप से share करते हैं। तो एक ऐसा माहौल है कि जिसके कारण विश्व के अनेक देशों को और जर्मनी को विशेष रूप से भारत अनुकूल है। जर्मनी की ताकत है manufacturing, विश्व की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए German companies और भारत देश का माहौल, ये दोनों मिलकर के काम करे तो विश्व की अनेक आवश्यकताओं को हम बहुत अच्छे ढंग से पूरा कर सकते हैं।

भारत का work force जो कि इस manufacturing sector में तैयार होगा। वो आने वाले दिनों में एक world work force के रूप में convert हो सकता है। भारत में रोजगार, ये सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसलिए हमारा ध्यान manufacturing hub बनाने की दिशा में है।

Hannover fair में जितनी कंपनियां मिलीं बाद में चांसलर मर्केल ने एक शाम डिनर रखा था, यहां के industrial houses के साथ, उसमें भी विस्तार से चर्चा हुई है और मैं देख रहा हूं कि चाहे skill development का काम हो, चाहे vocational education की बात हो, चाहे railway में technology up-gradation हो, expansion हो, Defence manufacturing sector का काम हो, engineering sector की विकास की नई क्षितिज हो, सभी क्षेत्रों में आज German कंपनियां, भारत के साथ मिलकर के काम करने के लिए तैयार हैं। और मेरी और चांसलर मर्केल के बीच जो बातचीत हुई है, उसके कारण इन कंपनियों का भी विश्वास बढ़ा है और उन कंपनियों का भी विश्वास बढ़ा है।

मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में human resource development का काम हो, professional management का काम हो, manufacturing की दिशा में आगे बढ़ने की बात हो, सभी क्षेत्रों में जर्मनी और भारत सफलतापूर्वक आगे बढ़ेंगे, इस विश्वास के साथ मैं आज यहां से लौट रहा हूं।

वैश्विक आतंकवाद के मुद्दे से संबंधित प्रश्न का उत्तरः

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी: मैं मानता हूं कि terrorism ये मानवता के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। जो भी मानवतवाद में विश्वास करते हैं। उनकी भाषा कोई भी हो, भू-भाग कोई भी हो, परंपराएं कोई भी हो लेकिन मानवतावादी शक्तियों का एक होना बहुत आवश्यक है और सभी मानवतावादी शक्तियों ने आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर से, एक ही intensity के साथ बोलने की आवश्यकता है, collectively efforts करने की आवश्यकता है।

और हम देख रहे हैं आज से 25 साल पहले हम भारत के लोग दुनिया को आतंकवाद के खतरे की बात बताते थे तो कुछ लोग हमें कहते थे, ये आपका law and order problem है। आज दुनिया को समझ आया है कि कितना भयंकर रूप होता है और ये मानवता के खिलाफ एक लड़ाई है। जब तक हम मानवतावादी शक्तियों को एकत्र नहीं करते हैं और हम आतंकवाद के सामने समान रूप से व्यवहार नहीं करते हैं, उनको खुला मैदान मिल जाता है। उनको शस्त्र जहां से मिलते हो, उस पर से रोक कैसे लगे? आतंकवादियों को shelter देने वाली अगर सरकारें हैं तो उन सरकारों पर दबाव कैसे पैदा किया जाए? जितनी sensitivity nuclear weapon को लेकर के है, उतनी ही आतंकवाद को पनाह देने वालों देशों के प्रति भी होनी चाहिए। अगर ये ही एक मूड बनता है और हम आतंकवाद को और आतंकवाद को समर्थन करने वालों को isolate करना ये हमारी पहली strategy होनी चाहिए और दुनिया इस पर गंभीरता से सोचेगी।

दूसरा महत्वपूर्ण काम है United Nation में बहुत लंब अर्से से एक प्रस्ताव चर्चा पर pending पड़ा हुआ है। जिसमें आतंकवाद की definition होना बहुत आवश्यक है। मैं चाहूंगा कि जब United Nation अपने 70 साल पूर्ण करने जा रहा है। उस resolution को पारित करे, define करे और दुनिया के लोगों के लिए बंधनकर्ता चीजों का regulation तैयार करे। तब जाकर के एक platform पर से इस मानवता विरोधी पृवत्तियों के खिलाफ दुनिया को एकत्र किया जा सकता है। मैं चांसलर मर्केल के विचारों से परिचित हूं। वे आतंकवाद के खिलाफ उतने ही स्पष्ट विचार रखती हैं, जितना कि हम भारत के लोग पिछले 30 साल से आतंकवाद से परेशान हैं। हम अनुभव करते हैं और मैं मानता हूं कि अब पूरी दुनिया, जिस प्रकार से आतंकवाद फैल रहा है और अधिक सजग बनकर के और अधिक साथ मिलकर के इस मानवता की रक्षा के लिए काम करेंगी।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में, भारत की स्थायी सदस्यता से संबधित प्रश्न का उत्तर:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी: एक विषय जो आपने पूछा है permanent membership, security council में, मैं दुनिया का इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। आप जानते हैं कि ये वर्ष UN के 70 साल हो रहे हैं और पूरा विश्व ये वर्ष प्रथम विश्व युद्ध की शताब्दी के वर्ष से गुजर रहा है। विश्व को मालूम होना चाहिए कि भारत के सैनिक प्रथम विश्व युद्ध में 75 thousand से ज्यादा सैनिक शहीद हुए थे और प्रथम विश्व युद्ध में 14 लाख से ज्यादा भारत के सैनिकों को हिस्सा लेना पड़ा था। उसमें भारत का कोई हित नहीं था, भारत की कोई योजना नही थी। UN के बाद आप देखिए Peace Keeping Force, सबसे ज्यादा सैनिक Peace Keeping Force में जो राष्ट्र भेजे जाते हैं, उनमें एक नाम भारत का है। Peace Keeping Force में भी UN के मार्गदर्शन में उत्तम से उत्तम कार्य करने के लिए बार-बार भारत की सराहना होती है और भारत जिसका इतिहास और संस्कृति कभी भी ये वो देश जिसने युद्ध नहीं किया है, आक्रमण नहीं किया है।

वो देश जहां अहिंसा के दूत महात्मा गांधी पैदा हुए थे, वो देश जहां गौतम बुद्ध पैदा हुए थे, जहां की संस्कृति, परंपरा, शांति को समर्पित है, उस देश को अगर United Nation में permanent membership security council न मिले, उसके लिए 70 साल तक उसको इंतजार करना पड़े, तब सवाल उठता है कि शांति पर भरोसा करने वाले, शांति के लिए जीने वाले, शांति जिनके DNA में है, ऐसे देश के प्रति अब न्याय होना चाहिए, समय बहुत चला गया है।

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