• March 8, 2022

बजट में शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता—- शिक्षा ही वह चिराग, जो करता है सामाजिक अंधेरे को दूर संकल्पबद्ध होकर शिक्षा क्षेत्र में कार्य करेगा विभाग -शिक्षा एवं कला व संस्कृति मंत्री

बजट में शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता—-  शिक्षा ही वह चिराग, जो करता है सामाजिक अंधेरे को दूर संकल्पबद्ध होकर शिक्षा क्षेत्र में कार्य करेगा विभाग -शिक्षा एवं कला व संस्कृति मंत्री

जयपुर——- शिक्षा एवं कला संस्कृति मंत्री श्री बी.डी. कल्ला ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि वर्तमान सरकार राजस्थान को समग्र इकाई मानकर शिक्षा के विकास के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। राज्य शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। हम नवाचारों के जरिये शिक्षा विस्तार की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही शिक्षा संबंधित बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।

श्री कल्ला विधानसभा में मांग संख्या 24 (शिक्षा, कला एवं संस्कृति) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने शिक्षा, कला एवं संस्कृति की 405 अरब, 84 करोड़ 73 लाख 34 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।

इससे पहले श्री कल्ला ने कहा कि शिक्षा विभाग में स्थानांतरण पॉलिसी का प्रारूप तैयार कर लिया है, जल्द ही लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह चिराग है जो सामाजिक अंधेरे को दूर करता है।

अभिभावकों में प्रवेश को लेकर उत्साह
श्री कल्ला ने बताया कि प्रदेश में अभी 650 से अधिक अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में एक लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। अभिभावकों में प्रवेश को लेकर उत्साह है। इसे देखते हुए ही बजट 2022-23 में शहरी क्षेत्र एवं गांवों में एक-एक हजार महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तथा 1000 पूर्व प्राथमिक विद्यालय (बाल वाटिकाएं) खोलने की घोषणा की गई है।

उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत होंगे माध्यमिक विद्यालय
श्री कल्ला ने बताया कि तीन वर्षों में विभिन्न श्रेणियों के 2900 से अधिक विद्यालय खोले गए व क्रमोन्नत किए गए है। इस बजट में प्रदेश के सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत करने की घोषणा की गई, इन्हें जल्द ही क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गतिविधि आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक शनिवार को ‘नो बैग डे‘ की पहल की गई। इससे विद्यार्थियों का समग्र विकास हो रहा है। उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राज्य में पहली बार कम्प्यूटर अनुदेशकों के 10,453 पदों का सृजन कर भर्ती की कार्यवाही प्रगति पर है।

गुणत्तापूर्ण शिक्षा में वृद्धि
श्री कल्ला ने कहा कि समुदाय, अभिभावक, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के योगदान से कई उपलब्धियां हासिल की है। इनमें परफॉर्मेंस ग्रेड इन्डेक्स (2019-20) में देश में राजस्थान को ‘वन-प्लस‘ ग्रेड प्राप्त हुआ है। इंस्पायर अवार्ड (2020-21) में भी देश में प्रथम रहे। फिट इंडिया गतिविधि (2020-21) में भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर राजस्थान रहा। कोरोना काल में ‘स्माइल‘, ‘ई-कक्षा‘ और ‘आओ घर से सीखें‘ जैसे नवाचारों का क्रियान्वयन किया गया है। अब तक के कार्यकाल स्कूल शिक्षा विभाग में 63,120 नियुक्तियां और 24,965 पदोन्नतियां की गई। वहीं, 90 हजार भर्तियां प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 358 कृषि संकाय खोले गए और 242 और खोलने जा रहे हैं। साथ ही 247 अतिरिक्त संकाय खोले गए और 302 अतिरिक्त विषय शुरू किये गए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 66 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय खोले जा रहे हैं। इनके भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। साथ ही 292 विद्यालयों का नामकरण शहीदों के नाम पर किया गया है। उन्होंने बताया कि 50 वर्षों बाद राजस्थान शिक्षा (अधीनत्य एवं राज्य) सेवा नियमों का पुनर्लेखन किया गया है। विगत तीन वर्षों में अब तक 80 प्राथमिक विद्यालय खोल चुके हैं।

जनसमुदाय और भामाशाहों का मिला सहयोग
श्री कल्ला ने बताया कि जनसमुदाय एवं भामाशाहों के सहयोग भी रहा, इसी से ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से 183 करोड़ रूपये से अधिक राशि अब तक प्राप्त हो चुकी है। वहीं, अब तक 1140 आईसीटी लैब की स्थापना कर दी है और 462 लैब की स्थापना प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण एवं मौजूदा संरचनाओं की मरम्मत के लिए अब तक 2223 करोड़ रूपये का प्रावधान कर दिया है। ढांचागत विकास की हमारी प्राथमिकता को प्रदर्शित करता है।

शिक्षा विकास में बढ़ते कदम
श्री कल्ला ने बताया कि बजट घोषणा अनुसार, राज्य की सभी 3820 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया जायेगा। विद्यालय विहीन ग्राम पंचायतों में प्राथमिकता से प्राथमिक विद्यालय खोले जाएंगे। रेगिस्तानी जिलों में प्राथमिक शिक्षा के व्यापक विस्तार को ध्यान में रखते हुये नियमों एवं मानकों में शिथिलन प्रदान करते हुए प्रथम चरण में 200 प्राथमिक विद्यालय खोले जायेंगे। ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर स्थित प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक में, उच्च प्राथमिक को सीधे ही यथा आवश्यकता एवं मानकों के अनुसार उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया जायेगा। बालिकाओं को शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने एवं ड्रॉप आउट कम करने की दृष्टि से राज्य में संचालित समस्त 389 बालिका माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में, बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर के 1846 व प्राथमिक स्तर के 115 बालिका विद्यालयों को वरियता से चरणबद्ध रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

करोड़ों रूपये के होंगे विकास कार्य

श्री कल्ला ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के लिए 3800 से अधिक कक्षा कक्षों, लेबोरेटरीज, पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्ष, नवीन भवन एवं वृहद मरम्मत आदि के कार्य 200 करोड़ रूपये खर्च कर करवाएं जाएंगे। वहीं, राजा रामदेव पोद्धार ‘रेजिडेंशियल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस‘ पर 100 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। कोरोना के कारण लर्निंग गेप्स की भरपाई के लिये तीन माह की अवधि के ब्रिज कोर्स चलाये जायेंगे, इनके लिए 75 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। राज्य में 5000 से अधिक की आबादी वाले गांवों में 1200 महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय स्थापित किये जा रहे है। शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जोधपुर में शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय का विस्तार एवं उन्नयन कराया जायेगा। राजस्थान स्टेट स्पोटर्स इंस्टीट्यूट की स्थापना की जायेगी, जिस पर 10 करोड़ रूपये खर्च होंगे। प्रदेश में भारत स्काउट एवं गाईड गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 18वीं राष्ट्रीय भारत स्काउट गाईड जम्बूरी का आयोजन रोहट, पाली में किया जायेंगा।

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