- September 21, 2018
बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं, सभी मामलों पर कड़ा संज्ञान लिया : जस्टिस मित्तल
सोनीपत——- हरियाणा मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस एसके मित्तल ने कहा कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों में स्कूल बसों से हादसे के करीब सात मामले समाचार पत्रों के माध्यम से उनके सामने आए और सभी पर स्वत: संज्ञान लिया गया।
जस्टिस मित्तल एडीआर सेंटर में अदालत शिविर के उपरांत पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
जस्टिस मित्तल ने करनाल व सोनीपत के एक स्कूल की बस द्वारा बच्चों की मौत के मामले में कड़ी टिप्पणी भी की और कहा कि एक मामले में पिता द्वारा लिख कर दिया गया कि वह कार्रवाई नहीं चाहते।
यह चिंता का विषय है कि जिस पिता के छह वर्ष के बेटे के मृत्यु हो जाती है और वह इस तरह से लिखकर दे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैने जांच के निर्देश दिए हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि बसों की नियमित तौर प्रत्येक छह माह में जांच की जाए कि वह निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं या नहीं। जस्टिस मित्तल ने कहा कि उन्होंने जब 23 अप्रैल को आयोग में जिम्मेदारी संभाली और उस समय 2444 केस पेंडिंग थे। इनमें से 957 नई शिकायतें थी।
20 सितंबर तक इनमें से एक हजार शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर मामले पुलिस से संबंधित होते हैं और वैवाहिक विवाद भी काफी संख्या में होते हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग ऐसे मामले देखता है जिनमें किसी के मानव को प्रदान किए गए अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में झज्जर के 80 स्कूलों की बदहाल हालत का समाचार आया है।
इस पर संज्ञान लेते हुए तत्काल स्टेप लेने को कहा गया है क्योंकि हम कोई छत गिरकर पांच आदमी मरने का इंतजार नहीं कर सकते।
इस अवसर पर उनके साथ हरियाणा मानव अधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस केसी पुरी, दीप भौरिया भी मौजूद थे।