- January 21, 2017
बंगाल विश्व व्यापार शिखर सम्मेलन 2017 का उद्घाटन -राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी
पेसूका -(राष्ट्रपति सचिवालय) इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत राज्यों का समुच्च्य है और उसकी शक्ति सहकारी संघवाद और खास तौर से आर्थिक विकास संबंधी विषयों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि भारत इस समय विदेशी निवेश का प्रमुख स्थान बन चुका है।
भारत की विकास दर ऊंची है और इसकी अर्थव्यवस्था पिछले 10 वर्षों के दौरान 7.6 प्रतिशत वार्षिक औसत की दर से बढ़ रही है। यह विकास दर 2008 के वित्तीय संकट के बाद आने वाली मंदी के बावजूद कायम है, जबकि विश्व की ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं पर मंदी का बुरा प्रभाव पड़ा था।
राष्ट्रपति ने कहा कि बंगाल विश्व व्यापार शिखर सम्मेलन से पश्चिम बंगाल में निवेश अवसरों की जानकारी का अवसर मिलेगा। एक लोकप्रिय कहावत है कि बंगाल जो आज सोचता है, भारत उसे कल सोचेगा।
राज्य की अर्थव्यवस्था को भारत के विभाजन से बहुत आघात पहुंचा था। बहरहाल पिछले 6 वर्षों के दौरान राज्य ने महत्वपूर्ण विकास किया है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद प्रभावशाली रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कुशल श्रम शक्ति की उपलब्धता है और राज्य राजनीतिक स्तर पर स्थिर है उन्होंने राज्य सरकार का आह्वान किया कि वह निवेशकों की समस्याओं पर ध्यान दे और विकास तथा निवेश को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों को अपनाए।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी और उनकी टीम ने अतीत में भी दो व्यापार शिखर सम्मेलनों का सफल आयोजन किया था। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस शिखर सम्मेलन के बेहतर नतीजे निकलेंगे और व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।