- December 2, 2015
बँटाईदारों के हितों के संरक्षण विधेयक का प्रारूप तैयार
बँटाई पर खेती करनेवाले किसानों के हित में भू-राजस्व संहिता अधिनियम के स्थान पर बँटाईदारों के हितों के संरक्षण विधेयक का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसे अगली केबिनेट में चर्चा और अनुमोदन के लिये रखा जायेगा। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने के संबंध में बताया गया कि 5दिसम्बर को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर पूरे जिलो में कार्यक्रम होंगे। इस दौरान 1.25 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड बाँटे जायेंगे। मुख्यमंत्री स्वयं जबलपुर से इसकी शुरूआत करेंगे।
यह जानकारी आज यहाँ मंत्रालय में कृषि मंथन-2015 के निष्कर्षो की समीक्षा बुलाई गयी उच्च स्तरीय बैठक में दी गयी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि मंथन-2015 के निष्कर्षो की समीक्षा करते हुए सम्बंधित विभागों को तत्काल कार्य-योजनाएँ बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि मंथन की 21 निष्कर्ष पर बिन्दुवार चर्चा की और कार्य-योजनाओं को अंतिम रूप दिया। संबंधित विभागों ने मुख्यमंत्री को अनुशंसाओं पर की गई कार्रवाई कर भविष्य की कार्ययोजना की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के हित में हर हाल में कृषि मंथन के निष्कर्षो पर तत्काल अमल करना जरूरी है। किसानों के स्थायी पंप कनेक्शन देने के अभियान के संबंध में बताया गया कि जल्दी ही शुरूआत होगी। सोलर पंप पर सब्सिडी दी जायेगी। योजना में दो हार्स पावर, तीन हार्स पावर पर डीसी और 5 हार्स पावर के एसी पम्प शामिल किये जायेंगे। वर्ष 2015-16 में 4000 सोलर पंप दिये जायेंगे। इस पर 36 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। सभी किसानों का ऑनलाइन पंजीयन करवाया जायेगा। उद्यानिकी फसलों के निर्यात के लिये भारत सरकार की एपीडा जैसी संस्था बनाने के लिये टी.ओ.आर. तैयार कर ली गई है। भारत सरकार से भी मार्गदर्शन मांगा गया है। छोटी-छोटी राशि के अनुदान वाली योजनाओं को बंद करने की अनुसंशा पर चर्चा में बताया गया कि ऐसी 103 योजनाएँ हैं जिनका व्यापक प्रभाव और लाभ नहीं हुआ है। अनावश्यक सब्सिडी आधारित इन योजनाओं को बंद किया जायेगा या इनका स्वरूप बदला जायेगा।
जानकारी दी गयी कि किसानों को सहकारिता के नेटवर्क में शामिल करने के लिये आज से सहकारी बैंक की शाखाओं में अभियान शुरू हो गया है जो 31 दिसम्बर तक चलेगा। किसानों के लिये अगले साल अप्रैल तक एसएमएस आधारित सूचना सेवा शुरू हो जायेगी।
मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत स्तर पर युवाओं में उद्यमिता की भावना प्रोत्साहित करने और उन्हें खाद्य प्र-संस्करण आधारित इकाइयाँ स्थापित करने के लिये विशेष प्रोत्साहन प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला स्तर पर उत्सुक युवाओं के सम्मेलन आयोजित करने को कहा। उन्होंने मिल्क रुट और सब्जी रूट तय करने के भी निर्देश दिये। बताया गया कि
फल और फूलों के लिये 132 मंडी में व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इन मंडियों में ताजा रेट लिस्ट लगी रहना चाहिए ताकि किसानों को किसी प्रकार का घाटा न हो और उन्हें अच्छे से अच्छे दाम मिले।
मुख्यमंत्री ने जलाभिषेक अभियान को पुन: पूरी तैयारी के साथ चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिला स्तर पर सिंचाई योजना बनाते समय माइक्रो सिंचाई पर ध्यान केंद्रित किया जाये। श्री चौहान ने प्रदर्शन प्रक्षेत्र का विकास कर किसान मित्र और किसान दीदी को प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कृषि विभाग के अमले को जिलों में भेजने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि एग्रो फारेस्ट्री नीति तैयार की जा रही है। जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में खाद्य प्र-संस्करण विभाग और कृषि विज्ञान प्रौद्योगिकी को मिलाकर पोस्ट हार्वेस्ट मैनेंजमेंट इंस्टीट्यूट की स्थापना के प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
बैठक में कृषि मंत्री श्री गौरी शंकर बिसेन, सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव, राजस्व मंत्री श्री रामपाल सिह, पशुपालन मंत्री सुश्री कुसुम मेहदेले, वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया , उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, वन मंत्री श्री गौरी शंकर शेजवार, अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह, खाद्य मंत्री कुंवर श्री विजय शाह, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य,स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल और सम्बंधित विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।