फसल विविधिकरण के लिए 66 करोड़ रुपये का प्रावधान – कृषि मंत्री

फसल विविधिकरण के लिए 66 करोड़ रुपये का प्रावधान – कृषि मंत्री

हिमाचल प्रदेश  –       कृषि मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार फसल विविधिकरण को उच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है और इस वर्ष इसके लिए 66 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। श्री पठानिया आज यहां शिमला में आयोजित कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। श्री पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तकनीकी सहयोग के तहत फसल विविधिकरण योजना के दूसरे चरण के लिए जाइका (जेआईसीए) से सम्पर्क किया है।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग राज्य के कार्यक्रमों के अलावा चार राष्ट्रीय कार्यक्रम जिनमें राष्ट्रीय सतत खेती मिशन, कृषि विस्तार एवं तकनीकी मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन शामिल है, को यहां लागू कर रहा है, जिनके लिए 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

कृषि मंत्री ने कहा कि सिंचाई क्षमता को बढ़ाने और इसके उपयोग के बीच के अंतर को कम करने के लिए उपाय सुझाने के दृष्टिगत उनकी अध्यक्षता में एक स्थायी कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सब्जी उत्पादन 14.60 लाख टन तक पहुंच गया है, जिससे लगभग 2500 करोड़ रुपये का राजस्व प्रदेश को पैदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 450 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि खरीफ मौसम में इस बार चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र खाद्यान्न फसलों के अन्तर्गत शामिल किया गया है और 8.85 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

श्री पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र को कृषि व्यवसाय में ढालने के लिए कई नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें 111 करोड़ रुपये की डाॅ. वाई.एस. परमार स्वरोजगार योजना, 154 करोड़ रुपये की राजीव गांधी सूक्ष्म सिंचाई योजना, 20 करेाड़ रुपये की बोरवैल/उठाऊ सिंचाई योजना, मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना, सब्जी नर्सरी उत्पादन के लिए उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना, जैविक खेती के अन्तर्गत 2000 हेक्टेयर क्षेत्र और 20,000 केंचुआ खाद इकाइयां, उत्तम चारा उत्पादन योजना तथा वर्ष 2015-16 में हर किसान के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसे प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में काॅफी की खेती जारी रखी जाएगी।

कृषि मंत्री ने सभी विभागीय अधिकारियों को सरकारी कार्यक्रम किसानों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए। निदेशक, कृषि, श्री जे.सी. राणा ने कृषि मंत्री का स्वागत किया और विभागीय कार्यक्रमों और येाजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने तीन वर्ष की बजाय एक साल में इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

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