- June 12, 2018
फसली ऋण माफी योजना—उतरा कर्ज का भार, मिला जीने का सुकून
जयपुर———— कहाँ तो तय था ब्याज चुकाते-चुकाते मर-मर कर रोते हुए जिन्दगी को बोझ समझ कर जीना, बच्चों की ढ़ंग से परवरिश का अभाव, घर चलाने में सामने आने वाली मुसीबतों को झेलते हुए हताश और निराश होकर एक-एक दिन बड़ी मुश्किल से काटना, और इस पर भी माथे पर कर्ज का बोझ, कितनी मेहनत-मजूरी कर लें, उधारी के चुकारे तक के लिए पैसा जुटाना बड़ा भारी काम दिखता रहा।
यह तो भला हो राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे और राजस्थान की सरकार का, कि जिसकी बदौलत राजस्थान में फसली ऋण माफी योजना लागू हुई और किसानों को राहत का ऎसा सुकून मिला, जिसे न केवल किसान बल्कि उनकी आने वाली पीढ़ियाँ भी भुला न पाएंगी।
राजसमन्द जिले में फसली ऋण माफी योजना के अन्तर्गत किसानों को ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरण के लिए अब तक जहाँ-जहाँ कार्यक्रम हुए हैं वहाँ किसानों में हर्ष का ज्वार उमड़ उठा। इन्हीं मेंं बड़ी संख्या में ऎसे भी किसान हैं जिनके लिए ऋण का भार जीवन की बहुत बड़ी समस्या से कम नहीं था। हमेशा यह चिन्ता सताए रहा करती कि आखिर ऋण कब पूरा हो और चैन की नींद निकालें।
इन किसानों में कई ऎसे महिला-पुरुष किसान भी हैं जिनकी घरेलू जिम्मेदारियां पहाड़ की तरह हैं लेकिन कमाने वाला उनके अलावा कोई नहीं, और पूरे परिवार को पालना दिक्कतों भरा है। इन्हीं में एक हैं – 42 वर्षीया विधवा श्रीमती मिट्ठू बाई।
मिट्ठू बाई सालवी राजसमन्द पंचायत समिति के एमडी गांव की रहने वाली लघु श्रेणी की कृषक हैं। परंपरा से खेती-बाड़ी करने वाले इस परिवार के मुखिया श्री शंकरलाल सालवी की करीब 20 साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई। पहाड़ से दुःख ने उसे घेर लिया।
चार बच्चों की माँ मिट्ठू बाई पर अपनी 3 लड़कियों और एक लड़के के पालन-पोषण की जिम्मेदारी आ पड़ी। अपनी कुल जमा 0.50 हैक्टर भूमि पर वह जैसे-तैसे खेती-बाड़ी करते हुए परिवार को चलाती रही है।
पिछले वर्षों से वह अपने बेटियों व बेटे की सारी जिम्मेदारियां पूरी करती आ रही है। बेटियों की शादी हो चुकी है व एकमात्र बेटा उसके साथ है जो मामूली काम-धाम करते हुए माँ के लिए मददगार बना हुआ है लेकिन गरीबी के कारण अभावों और समस्याओं का पीछा अब तक नहीं छूट पाया हैं।
श्रीमती मिट्ठू बाई ने 10-12 वर्ष पूर्व खेती में सहयोग के लिए नान्दोली ग्राम सेवा सहकारी समिति से ऋण चाहा। इस पर उसे 12 हजार 674 रुपए ऋण दिया गया। इसका ब्याज भी वह भरती रही। इस स्थिति में उसके नाम 12 हजार 674 रुपए ऋण बकाया चल रहा था।
श्रीमती मिट्ठू बाई कहती हैं कि घर-परिवार को चलाने में सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों के साथ ही उसे सबसे बड़ी चिन्ता यही सताती रहती कि कर्ज कैसे भरेगी। जब से उसने यह सुना कि राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने 50 हजार तक के किसानों के कर्ज माफ कर दिए हैं, तभी से उसे तसल्ली मिली और सुकून का अहसास हुआ।
एमडी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर हाल ही आयोजित फसली ऋण माफी कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, कला, संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर (दीपा), जिलाप्रमुख श्री प्रवेश कुमार सालवी, प्रभारी शासन सचिव श्री आनंद कुमार, जिला कलक्टर श्रीमती आनन्दी व जिला पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार के हाथों फसली ऋण माफी प्रमाण पत्र पाकर उसकी आँखों से खुशी के आँसू छलछला उठे।
श्रीमती मिट्ठू बाई ने कहा कि राज ने उसका सारा ऋण माफ करके उसे राजी कर दिया है। अब उसकी जिन्दगी आसान हो गई है। सर से कर्ज का बोझ हट जाने के बाद अपने आपको काफी हल्का एवं तरोताजा भी महसूस कर रही है। सरकार की इस योजना का लाभ पाकर सारी चिन्ताओं से मुक्त होकर उसने नई जिन्दगी का अहसास किया है।