- June 12, 2016
प्लास्टिक कैरी बैग रोकथाम के लिए विशेष अभियान
जयपुर——–जयपुर जिले के नगरीय क्षेत्रों में 21 जून, 2016 से 30 जून, 2016 तक प्लास्टिक कैरी बैग की प्रभावी रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा। अभियान के दौरान कार्यवाही के लिए विशेष दल का गठन किया गया है।
प्रमुख शासन सचिव, स्वायत्त शासन विभाग, डॉ. मनजीत सिंह ने बताया कि नगर निगम जयपुर क्षेत्र में स्थित सभी आठों जोनों में प्लास्टिक कैरी बैग की प्रभावी रोकथाम के लिए विशेष अभियान 21 जून, 2016 से 30 जून, 2016 तक चलाया जायेगा।
उन्होनें कहा कि अभियान मानसरोवर व संगानेर जोन में 21 व 22 जून, 2016 को हवामहल पूर्व व हवामहल पश्चिम जोन में 23 व 24 जून को, विद्याधर नगर व आमेर जोन में 27 व 28 जून को तथा सिविल लाईन जोन व मोती डूंगरी जोन में 29 व 30 जून को चलाया जायेगा।
नगर निगम क्षेत्र में अभियान के लिए नोडल अधिकारी संबंधित जोन के जोनल उपायुक्त को बनाया गया है तथा अभियान के दौरान प्रभारी अधिकारी के रूप में संबंधित क्षेत्र के उप जिला मजिस्ट्रेट, क्षेत्रीय सहायक पुलिस आयुक्त, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी तथा पर्यवेक्षण अधिकारी के रूप में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट उपस्थित रहेंगे।
उन्होनें बताया कि इस दौरान प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण हेतु चल रही अवैध फैक्टि्रयों को नियमानुसार कार्यवाही कर सीज किया जायेगा तथा सार्वजनिक स्थान, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड, फल मण्डी, सब्जी मण्डी, कृषि मण्डी, मंदिरों के आस-पास तथा शहर की मुख्य सड़काें आदि पर अभियान चलाया जायेगा एवं की जा रही कार्यवाही की फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी की जायेगी।
प्रमुख शासन सचिव, स्वायत्त शासन विभाग, डॉ. मनजीत सिंह ने बताया कि प्लास्टिक के कैरी बैग्स पर्यावरण को दूषित करते है। इनका उपयोग पर्यावरण के साथ-साथ, भू-जल को भी प्रभावित करता है एवं पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है तथा सीवर लाईन, नालियों को भी अवरूद्ध करते है, जिससे गम्भीर पर्यावरणीय समस्याऎं उत्पन्न होती है।
राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 धारा-5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक अगस्त, 2010 से प्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग्स के विनिर्माण, भण्डारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन को प्रतिबन्धित किया गया है, तथा निर्देश दिये गए है कि ‘‘कोई व्यक्ति जिसमें कोई दुकानदार, विक्रेता, थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता, फेरी लगाने वाला या रेडी वाला सम्मिलित है वह सामान को बेचने के लिए प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग नहीं करेगा,साथ ही कोई व्यक्ति एक अगस्त, 2016 से राजस्थान राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग का विर्निमाण, भण्डारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन नही करेगा।
उन्होनें बताया कि खाद्य सामग्री, दूध और नर्सरी के उन्नत पौधो की पैकेजिंग के लिए प्रयुक्त आधान, (Containers) कैरी बैग नहीं है किन्तु ऎसे प्लास्टिक आधान,(Containers) जो पूर्ण रूपेण सील पैक न होकर धागा, रस्सी या स्टेपलर इत्यादि से बांधे गए हो वो प्लास्टिक कैरी बैग की श्रेणी में ही आयेगें और उनका विनिर्माण, भण्डारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन को पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है।
उन्होनें कहा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियत 1986 की धारा 15(1) के अनुसार इस अधिनियम के प्रावधानों नियमों, आदेशों और निर्देशों का उल्लंघन करने पर पांच वर्ष तक की अवधि का कारावास एवं एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों के दण्ड से दण्डित किया जा सकेगा तथा इसके बाद भी यदि कोई उल्लघंन जारी रखता है तो उसको अतिरिक्त शासित से दण्डित किया जायेगा जो प्रतिदिन 5000 रुपये तक की हो सकेगी।
धारा 15(2) के अनुसार यदि कोई उक्त प्रावधानों का उल्लंघन, दोषसिद्धि के बाद भी लगातार एक साल तक जारी रखता है तो उस अपराधी को सात वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकेगा। पर्यावरण अधिनियम 1986 की धारा 16 के अनुसार इस अधिनियम के तहत कोई भी अपराध यदि कम्पनी द्वारा किया जाता है तो उसके निदेशक/प्रबंधक/सचिव या अन्य अधिकारी जो कम्पनी का हिस्सा है, को अपराध का दोषी समक्ष जायेगा और उसके खिलाफ नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।