• April 26, 2017

प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक, 2017 पारित

प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक, 2017 पारित

जयपुर————राज्य विधानसभा ने प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक, 2017 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के पिछले शासन काल 2003 से 2008 के दौरान उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी के द्वारा विश्वविद्यालय स्थापित करने का कार्य प्रारंभ हुआ।

उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि सरकारी एवं निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयासों के कारण ही प्रदेश में आज 24 राजकीय विश्वविद्यालय एवं 45 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। अब राज्य का सकल नामांकन अनुपात 21.9 प्रतिशत हो गया है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय औसत 25.3 प्रतिशत की बराबरी करने के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अधिक विस्तार किये जाने की आवश्यकता है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर विधेयक इसी दिशा में उठाया गया नवीनतम कदम है। यह विश्वविद्यालय, ग्राम वाटिका, तहसील सांगानेर व ग्राम फतेहपुरा बास, वाटिका, तहसील चाकसू जिला जयपुर में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है, जो जयपुर सहित समीपवर्ती जिलों टोंक, सवाईमाधोपुर, अजमेर सहित सम्पूर्ण राजस्थान के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवीन अवसर प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अब तक 300 करोड़ रुपए का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 100 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है तथा आगामी पांच वर्षों में 200 करोड रुपए का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रत्यक्ष रूप से 950 एवं परोक्ष रूप से 2000 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।

श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी, मेडिसिन एवं हैल्थ, मेडिकल एवं फार्मास्युटिकल साइंस, मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर मैनेजमेंट, ट्यूर एवं ट्रेवल, अप्लाइड साइंसेज, कम्प्यूटर एप्लीकेशन, लॉ, एज्यूकेशन, साइंस एवं टेक्नोलॉजी, ह्यूमेनिटीज, सोशल साइंस, कृषि एवं पशुपालन विज्ञान, मास कम्यूनिकेशन, फिल्म टेक्नोलॉजी, अल्टरनेटिव थैरेपी, फॉरेन लैंग्वेज, धर्म, नेनो टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्चर, फिजिकल एज्यूकेशन तथा खेल विज्ञान आदि पाठ्यक्रमों में अध्यापन एवं अनुसंधान का कार्य संबंधित विनियामक निकायों के नियमानुसार किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि जब एसओजी द्वारा जोधपुर नेशनल विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा की जा रही अनियमितताओं को उजागर करने पर राज्य सरकार द्वारा कठोर कदम उठाते हुए इसका परिसमापन करते हुये वहां संभागीय आयुक्त, जोधपुर को प्रशासक नियुक्त किया व प्रशासक की देखरेख में अंतिम छात्र का अध्यापन पूर्ण होने के पश्चात इस विश्वविद्यालय का विधिवत विघटन कर दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 9 निजी विश्वविद्यालयों के संदर्भ में विभिन्न माध्यमों से अनियमितताओं की शिकायतें मिली थी जिनकी त्वरित जांच किये जाने हेतु अलग-अलग विश्वविद्यालयों के लिये अलग-अलग जांच समितियां गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आते ही तद्नुसार प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।

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