- October 12, 2015
प्रेरणादायी बनें पाठ्यक्रम – प्रो. देवनानी
उदयपुर – शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि विद्यालयों में पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम राजस्थान के संत-महापुरुष, वीर-वीरांगनाओं के प्रेरणादायी जीवन पर आधारित हो, जिससे कि भावी पीढ़ी उनसे प्रेरणा पाकर उच्च आदर्शों को जीवन में उतार सके।
शिक्षा राज्यमंत्री ने रविवार रात उदयपुर के एसआईईआरटी सभागार में शिक्षा विभाग एवं राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नवीन पाठ्यक्रम आगामी 31 अक्टूबर तक हर हाल में तैयार कर प्रस्तुत करें ताकि पाठ्यपुस्तकों को अगले शैक्षिक से पूर्व यथासमय विद्यालयों में पहुंचाया जा सके।
उन्हाेंने पुस्तकों की विषय वस्तु रोचक, सरल, सुबोधगम्य एवं ज्ञानवद्र्धक बनाने पर जोर दिया और कहा कि यह ऎसा हो कि जिससे विद्यार्थियों में अध्ययन के प्रति उत्साह पैदा हो।
प्रो. देवनानी ने गणित को सरलतम बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि इसके प्रति बच्चों के मन में भय को दूर करना जरूरी है और इसलिए गणित विषय में सरल और जल्दी समझने योग्य विषय वस्तु भरा पाठ्यक्रम होना चाहिए।
उन्होंने विज्ञान में राजस्थान को ध्यान में रखते हुए अध्याय तैयार करने तथा भारतीय वैज्ञानिकों के विविध आविष्कारों की जानकारी को समाहित करने की बात कही। शिक्षा राज्यमंत्री ने दैव वाणी संस्कृत भाषा को महत्वपूर्ण निरूपित करते हुए इसके प्रति बच्चों में आत्मीय लगाव पैदा करने के लिए इसे अच्छी तरह समझने योग्य, सीखने और लिखने लायक बनाने में विशेष ध्यान देने पर बल दिया।
उन्होंने पाठ्यक्रम निर्माण में नवाचार लाने, पुराने पाठों का पुनरावर्तन न करने तथा आत्मनिर्भरतापरक प्रेरक पाठ्यक्रम बनाने के लिए कहा। शिक्षा राज्य मंत्री ने पाठ्यक्रम को त्रुटि रहित और स्पष्ट भावार्थ भरा बनाने, प्रेरणादायी वाक्यांशों के चयन को जरूरी बताया।
प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि और आकर्षण जगाने के लिए व्यावहारिक शिक्षा पर जोर दिया और खेल-खेल में शिक्षा के साथ ही संस्कार निर्माण पर जोर दिया। शिक्षा विभाग के निदेशक B L मीणा ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी।
आरंभ में संस्थान की निदेशक विनीता बोहरा ने स्वागत किया। बैठक में उप निदेशक भरत मेहता, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) शिवजी गौड़ सहित शिक्षा विभागीय अधिकारियों एवं पाठ्यक्रम निर्माण समन्वयकों ने हिस्सा लिया।