• March 14, 2015

प्राकृतिक आपदा : किसानों को सहायता

प्राकृतिक आपदा : किसानों को  सहायता

प्राकृतिक आपदा से टूट चुके किसान को मिले संबल, रुके ऋणों व बिजली बिलों की वसूली, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ नियमों में शिथिलता देकर किसानों को मिले सहायता

जयपुर -कोटा-बूंदी से लोकसभा सांसद श्री ओम बिरला ने कोटा संभाग सहित देश के विभिन्न राज्यों में असमय हुई तेज अंधड़ के साथ भारी बारिश व ओले गिरने के विषय पर केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख प्रभावित किसानों को मदद प्रदान करने का आग्रह किया है।

श्री बिरला ने बताया कि असमय हुई इस प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसलें विशेषकर गेहूं, जौ, सरसों, धनिया, मसूर, मटर, जीरा, ईसबगोल आदि बड़ी मात्रा में खराब हो गई है। प्रकृति की यह मार किसानों पर उस समय पड़ी है, जब वह खेती संबंधित समस्त लागत लगा चुका है और फसल लगभग पककर कटने को तैयार थी।

श्री बिरला ने बताया कि वर्तमान में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ में सहायता हेतु वर्ष 2010 से 2015 तक की अवधि के लिए जो नवीन मानदण्ड जारी किए गए हैं, उनमें कीमतों की वृद्धि के कारण प्रभावितों को राहत देने के लिए पडऩे वाले प्रभावों पर विचार नहीं किया गया। फलस्वरूप कीमत वृद्घि के कारण प्रदान की गई राहत से प्रभावितों को वास्तविक लाभ कम होगा।

अत: संशोधित किए गए मानदण्डों को मूल्य सूचकांक से जोडकर दिया जाए ताकि राहत का वास्तविक लाभ प्रभावितों को मिल सके। एसडीआरएफ व एनडीआरएफ नॉर्म्स में ओलावृष्टि, पाला व शीतलहर की दृष्टि में 50 प्रतिशत या अधिक फसल खराब होने पर ही कृषि आदान सहायता दी जाती है जिसके कारण बड़ी संख्या में किसान सहायता से वंचित रह जाते हैं।

श्री बिरला ने केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया है कि एसडीआरएफ व एनडीआरएफ नियमों में शिथिलता देकर पीडि़त किसानों को सहायता दी जाए, साथ ही खराबी की उक्त सीमा को 20 से 50 प्रतिशत के बीच किया जाए तो किसानों को वास्तविक लाभ मिल पाएगा।

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