• February 24, 2021

प्राइमरी स्कूलों में मैथिली की पढ़ाई फिर से शुरू

प्राइमरी स्कूलों में मैथिली की पढ़ाई फिर से शुरू

पटना — बिहार के प्राइमरी स्कूलों में मैथिली की पढ़ाई फिर से शुरू होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर अपनी सहमति दे दी है।

बिहार विधान परिषद् में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा ने सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए कहा था कि मैथिली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के बावजूद उसकी पढ़ाई प्राइमरी स्कूलों में बंद करा दी गई है। इसकी फिर से पढ़ाई पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजी हो गए हैं।

प्रेमचंद मिश्रा ने भास्कर को बताया कि पहले बिहार के स्कूलों में मैथिली की पढ़ाई होती थी लेकिन पिछले दो दशक से सरकार ने इसे बंद करा दिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण था। इस पर हमने संशोधन दिया था। मुख्यमंत्री ने सदन के पटल पर जिस तरह से आश्वासन दिया है उसके बाद मुझे लगा है कि सरकार मैथिली की पढ़ाई स्कूलों में कराएगी। इस आश्वासन के बाद मैंने संशोधन को वापस लिया है।

प्रेमचंद मिश्रा विधान परिषद् में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बोल रहे थे और संशोधन की मांग कर रहे थे। इसी संदर्भ में उन्होंने मैथिली भाषा का सवाल उठाया था कि जिस भाषा को आठवीं अनुसूची में जगह मिली हुई है उसकी पढ़ाई बिहार के प्राइमरी स्कूल में बंद क्यों करा दी गई है? भोजपुरी को भी अष्टम सूची में शामिल किया जाए। प्रेमचंद मिश्रा ने सदन में कहा था कि हमसे अच्छी मैथिली मुख्यमंत्री जी बोलते हैं, अशोक चौधरी भी अच्छी मैथिली बोलते हैं।

CM ने विधायकों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाएं। इसके लिए वे सरकार को पत्र भी भेज सकते हैं। उसके ऊपर कार्रवाई होगी। CM ने कोरोना को लेकर तमाम मापदंडों का पालन करने की अपील की। कहा कि किसी सूरत में किसी स्तर पर कोई असावधानी नहीं होनी चाहिए।

Related post

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

डॉक्टर नीलम महेंद्र : वर्तमान  भारत जिसके विषय में हम गर्व से कहते हैं कि यह…
नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…
और सब बढ़िया…..!   अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

और सब बढ़िया…..! अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अतुल मलिकराम ——– सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर…

Leave a Reply