- September 2, 2017
प्रसूता की मौत –बी.एम.ओ. डा. सतनामी व प्रसव कर्मी फरार
सीधी (विजय सिंह)———– मानवीय संवेदना और मानवता को चुनौती देती हरकतों पर पहली बार सीधी कलेक्टर दिलीप कुमार ने कड़ा कदम उठाया है।
हालाकि यह नाकाफी है, इससे भविष्य की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा ? संशय है, लेकिन बड़ों पर प्रस्तावित कार्यवाही से अधीनस्थों में दायित्व निर्वहन करने का खौफ आ सकता है।
जिला मुख्यालय से 45 कि.मी. दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझौली में समीपी पांड़ गांव की अनुसूचित जाति वर्ग की गर्भवती महिला को पहले 108 जननी एक्सप्रेस न मिलने पर मोटर सायकल से अस्पताल लाया गया।
सामान्य प्रसव उपरांत 2 घंटे के भीतर प्रसूता की मौत हो गई। मृतका का शव वापस पांड़ गांव ले जाने के लिये परिजन विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डा.आर.के.सतनामी व अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मनोज मालवीय को मदत् की मंशा से तलाशते रहे, दोनों ही जिम्मेदार अधिकारियों के मोबाईल बंद रहे और अंततः प्रसूता का शव को दो पहिया सायकल से पांड़ वापस ले जाया गया।
अस्पताल में प्रसूता की मौत, तत्पश्चात शव की दुर्दशा की खबर मिलने के उपरांत कलेक्टर दिलीप कुमार ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री मालवीय व बी.एम.ओ. डा. सतनामी की आगामी दो-दो वेतन वृद्धि रोके जाने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने का निर्देश दिया है।
वाकया 31 अगस्त व 1 सितम्बर की दरमियानी रात का है। तहसील मुख्यालय मझौली से महज 8 कि.मी. दूर पांड़ गांव में अनुसूचित जाति परिवार की 20 वर्षीया श्रीमती रितु बंसल पति ललन बंसल को प्रसव पीड़ा प्रारम्भ हुई।
ग्राम पांड़ की आशा कार्यकर्ता ममता साकेत ने बताया कि जननी सुरक्षा वाहन हेतु प्रयास करने पर नहीं मिली, लिहाजा रितु बंसल को मोटर सायकल से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। स्टाफ नर्स प्रवीण गुप्ता द्वारा कराये गये सामान्य प्रसव से बालक पैदा हुआ। परिजन खुश थे, लेकिन रितु की प्रसव के दो घंटे बाद मृत्यु हो गई। पुत्र पैदा होने की खुशी, दो घंटे में ही मातम में बदल गई।
प्रसूता की मौत के बाद बी.एम.ओ. डा. सतनामी व प्रसव कराने वाली स्टाफ नर्स प्रवीण गुप्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से लापता हो गये। मृतका रितु बंसल को जननी सुरक्षा वाहन तो मिला नहीं था, मौत के बाद जिम्मेदार प्रशासन शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग पर छिपता रहा। अंततः उसे सायकल के कैरियर में बांध कर ले जाया गया।
एक सवाल और है कि आखिर प्रसूता की मौत हुई क्यों ? सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझौली में पदस्थ स्टाफ नर्स जीवंती खलको का कहना है कि उस रात उनकी ड्युटी थी। लेकिन उन्हे घटना की कोई जानकारी नहीं है।
सहज संदेह होता है कि संस्थागत प्रसव में लापरवाही के कारण हुई रितु बंसल की मौत के मामले में लीपापोती की जा रही है ? प्रसवोपरांत मृत्यु के मामले में पोस्ट मार्टम का प्रावधान नहीं है ? जिससे मौत के कारणों का खुलासा हो सके तथा भविष्य में इस तरह की घटना को रोका जा सके।
19, अर्जुन नगर सीधी