प्रमुख बंदरगाहों से 2.41 प्रतिंशत की वृद्धि

प्रमुख बंदरगाहों से  2.41  प्रतिंशत की वृद्धि

नई दिल्ली ——– भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने अप्रैल से मई 2018 के दौरान 2.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और इस अवधि के दौरान कुल मिलाकर 116.26 मिलियन टन कार्गो का संचालन किया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 113.52 मिलियन टन कार्गो का संचालन हुआ था।

अप्रैल-मई 2018 की अवधि के दौरान नौ बंदरगाहों (हल्दिया सहित कोलकाता, पारादीप, विशाखापत्तनम, कामारजार, चेन्नई, कोच्चि, न्यू मंगलोर, जेएनपीटी और दीनदयाल ने कुल यातायात में वृद्धि दर्ज की है।

प्रमुख बंदरगाहों पर संचालित कार्गो यातायातः

कामारजार बंदरगाह ने सर्वाधिक वृद्धि (11.69 प्रतिशत) दर्ज की। इसके बाद हल्दिया सहित कोलकाता (11.33 प्रतिशत), कोचीन (8.70 प्रतिशत), पारादीप (7.61 प्रतिशत) और न्यू मंगलोर (6.66 प्रतिशत) का नम्‍बर आता है।

कामारजार बंदरगाह की वृद्धि मुख्यतः अन्‍य विविध- कार्गो में 28.16 प्रतिशत, अन्‍य द्रव में 16.67 प्रतिशत, थर्मल और स्‍टीम कोक में 6.64 प्रतिशत और पीओएल में 5.99 प्रतिशत बढ़ोतरी की वजह से हुई।

कोलकाता बंदरगाह में कुल वृद्धि 11.33 प्रतिशत दर्ज की गई। कोलकाता डॉक सिस्‍टम (केडीएस) ने 2.00 प्रतिशत यात्रा वृद्धि दर्ज की, जबकि हल्दिया डॉक कॉम्‍पलेक्‍स (एचडीसी) ने 15.64 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर्ज की, जो सभी प्रमुख बंदरगाहों में सर्वाधिक है।

अप्रैल-मई, 2018 की अवधि के दौरान दीन दयाल (कांडला) बंदरगाह ने सर्वाधिक यातायात अर्थात 19.66 मिलियन टन (16.91 प्रतिशत हिस्सेदारी) का संचालन किया।

17.43 मिलियन टन (14.99 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ पारादीप, 11.70 मिलियन टन (10.07 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ जेएनपीटी, 10.60 मिलियन टन (9.12 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ विशाखापत्तनम और मुंबई 10.16 मिलियन टन (8.74 प्रतिशत हिस्सेदारी) का नंबर आता है।

कुल मिलाकर इन पांचों बंदरगाहों ने प्रमुख बंदरगाह यातायात के लगभग 60 प्रतिशत का संचालन किया।

जिन्स-वार सर्वाधिक हिस्सेदारी पीओएल की रही (29.54 प्रतिशत)। इसके बाद कंटेनर (20.36 प्रतिशत), थर्मल एवं स्टीम कोल (16.58 प्रतिशत), अन्य विविध कार्गो (12.63 प्रतिशत), कोकिंग एवं अन्य कोल (7.70 प्रतिशत), लौह अयस्क एवं छर्रे (6.63 प्रतिशत), अन्य द्रव (4.20 प्रतिशत), तैयार उर्वरक (1.34 प्रतिशत) और एफआरएम (1.03 प्रतिशत) का नंबर आता है।

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