प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों की सूची गांवों में जाकर तैयार करायी जाय—राज्यमंत्री डा0 महेन्द्र सिंह

प्रधानमंत्री  आवास  योजना  (ग्रामीण)  के  लाभार्थियों  की  सूची  गांवों  में  जाकर तैयार  करायी  जाय—राज्यमंत्री डा0 महेन्द्र सिंह

लखनऊ 2018 उत्तर—— प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने जिला विकास अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों की सूची गांवों में जाकर तैयार करायी जाय, जिससे कोई भी पात्र लाभार्थी आवास पाने से वंचित न रहे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जायेगा। राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरेन्स की नीति है और ग्राम्य विकास विभाग को पूरी तरह से भ्रष्टाचार से मुक्त किया जायेगा।

डा0 महेन्द्र सिंह आज योजना भवन में ग्राम्य विकास विभाग के अधीन
संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला विकास अधिकारी अपने अधीनस्थों पर पूरा नियंत्रण रखे,जिससे राज्यसर कार द्वारा
संचालित विभिन्न योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि जैसे पहले चलता था वैसे ही चलेगा यह बात मन से निकाल दें। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन आवासों को निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिये।

ग्राम्य विकास मंत्री ने जिला विकास अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि
विभाग में मृतक आश्रितों की नियुक्ति, पेंशन संबंधी प्रकरण तथा अन्य सेवा संबंधी समस्याओं का निस्तारण 15 दिन के अन्दर सुनिश्चित करें। इस तिथि के बाद सेवा संबंधी कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला विकास अधिकारी जनपद स्तर पर अपने अनुभव, दक्षता,योग्यता एवं प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायें।

डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि जनपद स्तर पर जो कर्मचारी/अधिकारी कार्य
में रूचि नहीं ले रहे हैं, उनकों चिन्हित करें। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि जो काम नहीं करेगा विभाग में नहीं रहेगा। अधिकारियों को हरहाल में गांव में जाना होगा, निर्देशों का अनुपालन न होने पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जिला विकास अधिकारियों का प्रभाव जनपद में दिखना चाहिए और उन्हें अपने अधिकारों का खुलकर इस्तेमाल करना चाहिए।

ग्राम्य विकास मंत्री ने सभी जनपदों में विकास भवन बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि जो अब तक विकास भवन अधूरे पड़े हैं उन्हें निर्धारित समय में पूरे किये जायं। उन्होंने चित्रकूट जनपद में पिछले छः वर्षों से बन रहे विकास भवन को पूरा न किये जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विलम्ब के लिए दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि विलम्ब होने से लागत बढ़ती है और इसका लाभ आम जनता को नहीं मिलता।

हाल में ही मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अति महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत गांव का चयन करके निर्धारित बिन्दुओं पर कार्ययोजना बनाकर गांवों को संतृप्ति कर विकसित किये जाने की कार्यवाही की जाये।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में तमाम ऐसे गांव हैं जहां विकास की किरण अभी नहीं पहुँची है ऐसे गांवों में सड़क, बिजली, पानी एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाये।
अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्राज्यीय सीमा पर बसे हुए गांव में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।

उन्होंने थारू जनजाति क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेजी से पहुँचाने पर जोर देते हुए कहा कि सेना के शहीदों के गांव में तोरण द्वारा एवं उनकी मूर्ति तथा आवासों का निर्माण हेतु सूची बनाने का कार्य तत्काल शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन गांवों का चरणबद्ध ढंग से विकास किया जाना है।

विकास से वंचित गांवों में विकास कार्यों को पहुँचाकर ग्रामीण जीवन की स्थिति में बदलाव लाना है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के निर्माणाधीन आवासों को शीघ्र पूरा करने पर जोर देते हुए ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि कोई-न-कोई बहाना बनाकर लगातार विलम्ब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहानेबाजी की संस्कृति तत्काल खत्म होनी चाहिए। विलम्ब के लिए जिला विकास अधिकारी को संबंधित कर्मियों की जवाबदेही तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बेघरों को मकान देना चाहती है और मकान का लक्ष्य निर्धारित अवधि में पूरा होना चाहिए।

डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि गरमी आने से पूर्व पेयजल की समस्या से ग्रसित होने वाले बुन्देलखण्ड एवं समान समस्या वाले अन्य जनपदों में इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्पों की रिबोरिंग, मरम्मत तथा पानी पहुँचाने के लिए टैंकरों की व्यवस्था के संबंध में तैयारी सुनिश्चित कर ली जाये। पिछले साल की तरह त्रि-स्तरीय कन्ट्रोल रूम एवं काॅल सेन्टर की व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में पौशाला की व्यवस्था की जाये, ताकि पेयजल की समस्या का सामना न करना पड़े।

प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि प्राकृतिक आपदा और गरीबी के कारण बेघर परिवारों एवं टूटे-फूटे मकानों में रहने वाले लोगों के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) शुरू की गई है। इस योजना के
तहत 1600 गांवों को विकसित करना है। उन्होंने इन गांवों की सूची तैयार करने को कहा। पेयजल समस्या के निवारण हेतु तैयारी एवं विकास भवन निर्माण के लिए जमीन की व्यवस्था तथा विभागीय योजनाओं को पूरी गम्भीरता से लागू किये जाने हेतु निर्देश दिये।

ग्राम्य विकास आयुक्त श्री पार्थसारथी सेन शर्मा ने ग्राम्य विकास मंत्री को आश्वस्त किया कि आज की बैठक में दिये गये सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा।

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