प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा — मुख्य सचिव श्री अजय सिंह

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा — मुख्य सचिव श्री अजय सिंह

रायपुर———– मुख्य सचिव श्री अजय सिंह की अध्यक्षता में महानदी भवन (मंत्रालय) में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति(निगरानी समिति)की बैठक सम्पन्न हुई।

मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना के तहत शामिल जिलों के जिला कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नियमित रूप से बैठक लेकर योजना की निगरानी करें और क्रियान्वयन में हो रही कठिनाइयों और समस्याओं का निराकरण करें।

बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग की विशेष सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि भारत सरकार द्वारा देश के ऐसे 2500 ग्रामों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित की जा रही है जहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो।

इस योजना में छत्तीसगढ़ के 175 ग्राम शामिल हैं। श्रीमती कंगाले ने बताया कि वर्ष 2015-16 में योजना के प्रथम चरण में राज्य के तीन जिलों के 100 ग्रामों को शामिल किया गया था। जिसमें बलौदाबाजार भाटापारा के 40 तथा बेमेतरा और 30 जांजगीर चाम्पा जिले के 30-30 ग्राम शामिल हैं। इसी तरह वर्ष 2016-17 में द्वितीय चरण में 75 ग्राम शामिल किए गए जिसमें मुंगेली के 40 और बिलासपुर के 35 ग्रामों को शामिल किया गया है।

योजना के तहत आवास,पेयजल,विद्युत,शिक्षा,स्वास्थ्य,सामाजिक आर्थिक विकास और अधोसंरचना के कार्य किये जाते हैं। योजना के तहत जिला स्तर पर प्रत्येक ग्राम के लिए अन्य शासकीय योजनाओं को शामिल करते हुए उस ग्राम की आवश्यकता और प्राथमिकता के आधार पर भिन्न भिन्न कार्य योजनाएं तैयार की जाती हैं।

इस योजना के तहत 15 प्रकार के सूचकांक हैं जिनके आधार पर योजना की प्रगति पर निगरानी रखी जाती है। ये 15 सूचकांक हैं जिसमें प्रथम तीन वर्षों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की संख्या में 50 प्रतिशत की गिरावट ,सार्वभौमिक वयस्क साक्षरता,प्राथमिक स्तर पर बच्चों का शत प्रतिशत शाला प्रवेश,मातृ मृत्यु दर को कम करके 100 प्रति लाख और शिशु मृत्यु दर को कम करके 30 प्रति 1000,प्रधानमंन्त्री आवास योजना के तहत शत प्रतिशत आवास ,स्वच्छ भारत अभियान के तहत शत प्रतिशत ओडीएफ, शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव,शत प्रतिशत टीकाकरण, जन्म मृत्यु का शत प्रतिशत पंजीयन ,वर्ष भर संचालित हो सकने वाले पहुंच मार्ग ,शत प्रतिशत कुपोषण से मुक्ति ,बाल श्रम, बाल विवाह और नशे पर पूर्णतः प्रतिबंध।

बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण में योजना के तहत बलौदाबाजार भाटापारा ,बेमेतरा और जांजगीर चाम्पा जिले से शामिल 100 ग्रामों के लिये 76.77 करोड़ रुपए का मॉडल विलेज प्लान बनाया गया था।इन जिलों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 45.94 करोड़ रुपए आबंटित किये गए थे तथा विभिन्न योजनाओं के कंवर्जेंस से 31.79 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए थे। योजना के तहत में एक हजार 731 स्वीकृत कार्यों के लिए इस राशि में से अब तक 40 करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय की जा चुकी है। शेष कार्य प्रगति पर हैं।

इसी प्रकार द्वितीय चरण में बिलासपुर और मुंगेली के 75 ग्रामों के लिए 39.20 करोड़ रुपए का मॉडल विलेज प्लान बनाया गया था जिसके लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 35.20 करोड़ रूपए और विभिन्न योजनाओं के कन्वर्जेंस से 5.61 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई थी।

योजना के तहत स्वीकृत एक हजार 16 कार्यों पर अब तक लगभग 10 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है और शेष कार्य प्रगति पर है।

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