- February 14, 2015
प्रदेश को आयुष चिकित्सा पद्दतियों का मॉडल स्टेट एवं आयुष हब -आयुर्वेद एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर- प्रदेश को आयुष चिकित्सा पद्घतियों की दृष्टि से एक मॉडल स्टेट एवं आयुष का हब बनाने के लिये विशेष कार्य योजना बनाई जायेगी। इसके साथ ही योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान की स्थापना हेतु आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
आयुर्वेद तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ की शुक्रवार को सायं स्वास्थ्य भवन में केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री श्री श्रीपाद नाईक के साथ हुई बैठक में यह जानकारी दी गयी। राजस्थान के सभी जिलों में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रों का निर्माण, सभी जिलों में हर्बल पार्क एवं अन्य विकास कार्यों के लिये केन्द्र से अगले वित्तीय वर्ष में 180 करोड़ रुपये की मांग की गयी है।
श्री राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्घतियों का देश का सबसे बड़ा संरचनात्मक ढ़ांचा मौजूद है। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, केन्द्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद् व केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद् का क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र अवस्थित होने साथ ही राज्य में 5 हजार 124 आयुर्वेद, होम्योपैथिक, यूनानी तथा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रों द्वारा जन सामान्य को चिकित्सा से लाभान्वित किया जा रहा हैं। साथ ही 19 आयुष महाविद्यालय, एक आयुर्वेद विश्वविद्यालय तथा 29 नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है।
आयुर्वेद मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आयुष चिकित्सा पद्घतियों के सुचारू व समयबद्घ विकास के उद्देश्य से राज्य में पहली बार आयुष नीति का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 15 लाख बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के ध्येय को ध्यान में रखते हुए आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग द्वारा पंचकर्म तकनीकी सहायक, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये गये है। उन्होंने बताया कि राज्य में 25 पंचकर्म केन्द्र स्थापित किये गये है एवं आगामी वर्ष में भी 10 केन्द्रों की स्थापना प्रस्तावित है। उन्होंने आयुष की विशेषज्ञ सेवाओं के विस्तार हेतु स्पेशिलिटी केन्द्रों की स्थापना करने का सुझाव दिया।
श्री राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में कुल संचालित 5 हजार 124 आयुष चिकित्सा केन्द्रों में से लगभग 3 हजार आयुष चिकित्सा केन्द्र ही राजकीय भवनों में संचालित हो रहे है। उन्होंने शेष भवनों के निर्माण हेतु केन्द्र से 400 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय आयुष मिशन से उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राज्य में आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 5 करोड़ रोगियों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जाती है।
उन्होंने औषधि बजट राशि को बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। विभाग के पास उपलब्ध 17 वनौषधि उद्यानों के सुचारू विकास हेतु 10 करोड़, संचालित 5 रसायनशालाओं के गुणात्मक सुधार हेतु प्रति 15 करोड़, छात्रों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु 5 करोड़, राज्य में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्घतियों के विस्तार हेतु 7 करोड़ एवं प्रत्येक चिकित्सा केन्द्र आवश्यकता के अनुसार रू. 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करने का आग्रह किया।
केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री श्री नाईक ने बताया कि केन्द्र सरकार अपने स्तर पर आयुष एवं भारतीय चिकित्सा पद्घतियों को प्रोत्साहित करने के लिये व्यापक प्रबंध कर रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति का प्रयास किया जायेगा।
योग संस्थान के लिये भूमि
स्थानीय सांसद श्री रामचरण बोहरा ने प्रदेश में केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक संस्थान की स्थापना के लिये भूमि का प्रबंध करने के लिये आश्वस्त किया। उन्होंने बताया कि जयपुर शहर के समीप ही आवश्यकतानुसार भूमि उपलब्ध करवायी जायेगी।
बैठक मेें प्रमुख शासन सचिव आयुर्वेद श्री प्रीतम सिंह, केन्द्रीय संयुक्त सचिव श्री अनिल कुमार गनेरीवाल, संयुक्त सचिव आयुर्वेद श्री यज्ञमित्र सिंह देव सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
—