• February 20, 2016

प्रदेशवासियों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील – विधानसभा के बजट सत्र में आरक्षण पर विधेयक – पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़

प्रदेशवासियों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील – विधानसभा के बजट सत्र में आरक्षण पर विधेयक – पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़
झज्जर, 19 फरवरी  हरियाणा के कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जाट समुदाय की सभी मांग मान ली है। ऐसे में अब लोगों को अपना आंदोलन समाप्त करके भाईचारे की मिसाल कायम करनी चाहिए तथा सौहार्द बनाए रखना चाहिए। श्री धनखड़ ने आज यहां जारी अपने बयान में बताया कि हरियाणा सरकार जाट आरक्षण को लेकर बजट सत्र में विधेयक लाएगी। इस विधेयक में जाट नेता, खाप प्रतिनिधियों, अधिवक्ताओं व विपक्षी दलों के सुझाव भी लिए जाएंगे।
जाट आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों से हरियाणा के कृषि मंत्री ने अपील की है कि वे हरियाणा के सौहार्द को बनाए रखने तथा प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए अपना आंदोलन समाप्त कर दें। चूंकि हरियाणा सरकार ने उनकी सारी मांग मान ली है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट 31 मार्च के बजाय बजट सत्र से पहले ही दे देगी। उन्होंने कहा कि कानून बनने में समय लगता है और इस मामले में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पहले ही जाट आरक्षण की पैरवी कर चुके हैं और हरियाणा के सीएम भी इसके लिए बाकायदा कमेटी भी बना चुके हैं। ऐसे में अब आंदोलन का औचित्य नहीं बनता।
श्री धनखड़ ने कहा कि जब तक नया विधेयक कानून का रूप नहीं लेता तब तक सरकार ने समाज के नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की श्रेणी में दस प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया है। इतना ही नहीं क्रिमीलेयर की राशि को भी 6 लाख रुपए कर दिया है ताकि अधिक से अधिक लोगों का इसका फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने एकमत से सारे निर्णय लेकर समाज की भलाई की दिशा में कदम उठाए हैं। किसी भी व्यक्ति को सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे का कोई हक नहीं है।
धनखड़ ने आंदोलन कर रहे लोगों से अपील की कि जब सरकार उनकी मांगे मानकर इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है तो  आंदोलनकारियों को इसका सम्मान करते हुए अपना आंदोलन तुरंत प्रभाव से समाप्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सौहार्द तथा भाईचारे को बनाए रखने तथा प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए आंदोलन को तुरंत समाप्त करके मुख्य धारा में जुडऩा चाहिए।

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