प्रतिवर्ष होता है 30 हजार से भी अधिक बच्चों का उपचार

प्रतिवर्ष होता है 30 हजार से भी अधिक बच्चों का उपचार

रायपुर—(छत्तीसगढ)–प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में प्रतिवर्ष 30 हजार से भी अधिक नवजात शिशु से लेकर बड़े बच्चों का उपचार होता है। अत्याधुनिक तकनीक से युक्त तथा संसाधनों से लैस यह अस्पताल बच्चों को निःशुल्क गहन चिकित्सा उपलब्ध कराने में राज्य के समस्त अस्पतालों में अग्रणी है।

जन्म से पहले पैदा हुए अपरिपक्व व कम वजनी बच्चों की उत्तरजीविता (सर्वावाइवल) की संभावना में निन्यानवे प्रतिशत सफल होने के कारण इस अस्पताल का न्यू बोर्न इंटेसिव केयर यूनिट ”स्टेट आॅफ द आर्ट“ (अग्रणी) बनता जा रहा है।

अम्बेडकर अस्पताल के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि सुविधाओं के मामले में अम्बेडकर अस्पताल किसी भी निजी संस्थान से कम नहीं है। क्रिटिकल केयर यूनिट और न्यू बोर्न इंटेन्सिव केयर यूनिट की सुविधा गरीब और कमजोर तबके से लेकर सभी वर्ग के लोगों के लिये निःशुल्क है।

हाईटेक होने के साथ-साथ यहां पर शासन की उन सभी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है जो शिशुओं के लिए बनायी गयी है। डिलीवरी से लेकर टीकाकरण तक सबकुछ मुफ्त तथा सर्वसुलभ है।

उपलब्ध सुविधायें-3

0 बेड का एनआईसीयू-1 (नर्सरी- 1) तथा 20 बेड का एनआईसीयू-2 (नर्सरी- 2) जहां अविकसित, अपरिपक्व तथा गंभीर नवजात रखे जाते हैं।

-78 बिस्तरों वाला बाल्य एवं शिशु रोग वार्ड जहां बड़े बच्चों की बीमारियों का इलाज होता है।
-14 बेड का नवनिर्मित पीडियाट्रिक आई.सी.यू. जहां पर बच्चे गहन चिकित्सा के लिये रखे जाते हैं।
– एयर कंडीशनर युक्त ट्रीटमेंट रूम की व्यवस्था जहां पर सेंट्रल आॅक्सीजन, सक्शन तथा मॉनिटरिंग, लुम्बर पंक्चर, इंटरकोस्टल ड्रेनेज, बोन- मैरो एस्पायरेशन तथा बायोप्सी की सुविधा।
स्टेट आॅफ द आर्ट मशीनें-अम्बेडकर के बाल्य एवं शिशु रोग विभाग तथा नर्सरी में ऐसी अत्याधुनिक मशीनें हैं जो अन्यत्र दुर्लभ होती हैं। विशेषकर यहां की अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन जिसमें डायग्नोसिस तथा थेरेपेटिक यानी जांच तथा इलाज दोनों की सुविधा है। मशीनों के नाम निम्न प्रकार हैंः-
– वेंटीलेटर- 23
– एबीजी- 02
– ईसीजी – 01
– पोर्टेबल इको तथा अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन- 01
– मल्टी पैरामॉनिटर- 21
– डिफिब्रिलेटर- 01
– वार्मर- 48
– इन्फ्यूजन- 52
– पल्स आॅक्सीमीटर- 17
– फोटोथेरेपी- 28
विशेषज्ञों की टीम
डॉ. शारजा फूलझेले (एचओडी), डॉ. प्रतिमा बेक, डॉ. प्राची बिछपुरिया, डॉ. संतोष कुमार राठिया, डॉ. धीरज सोलंकी, डॉ. प्रांकुर, डॉ. आकाश लालवानी, डॉ. रश्मि अग्रवाल, डॉ. वीरेन्द्र कुर्रे, डॉ. कनक रामनानी, डॉ. शशिकांत देवांगन, डॉ. शिल्पा।

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