- December 28, 2022
प्रतिदिन 4185 ग्रामीण घरों को जल संबंधों से जोड़ा गया
जयपुर——– जल जीवन मिशन में राजस्थान अपने लक्ष्य की ओर तेजी से कदम बढा रहा है। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की वेबसाइट पर पिछले 10 दिनों के आंकडों पर गौर करें तो राजस्थान में हर घर जल कनेक्शन की संख्या बढ़कर प्रतिदिन 4000 से ऊपर पहुंच गई है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि पिछले दस दिन के जल कनेक्शनों का औसत देखें तो इस अवधि में प्रतिदिन 4185 ग्रामीण घरों को जल संबंधों से जोड़ा गया है। 26 दिसम्बर को एक ही दिन में प्रदेश के समस्त पीएचईडी रीजन में 4871 कनेक्शन हुए। सर्वाधिक कनेक्शन अजमेर रीजन में हुए।
जलदाय मंत्री ने बताया कि जेजेएम की घोषणा से पहले तक प्रदेश में ‘हर घर जल कनेक्शन‘ वाले परिवारों की संख्या 11 लाख 74 हजार 131 थी, जो अब बढ़कर 31 लाख 84 हजार हो गई है। पिछले ढाई साल में 20 लाख से अधिक नए ग्रामीण घरों को जल कनेक्शन से जोड़ा गया है।
डॉ. जोशी ने कहा कि अधिक से अधिक ग्रामीण घरों को जल संबंधों से जोड़ने के लिए 5 हजार जल कनेक्शन प्रतिदिन का लक्ष्य शीघ्र ही हासिल किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अभी तक 39 हजार 521 गांवों के लिए 93.87 लाख जल संबंधों (एफएचटीसी) के लिए स्वीकृतियां प्राप्त कर ली गई हैं। 86 वृहद परियोजनाओं के तहत 22.21 लाख जल संबंधों के लिए 10 हजार 835 करोड़ रूपए के कार्यादेश जारी हो चुके हैं। अन्य पेयजल योजनाओं (ओटीएमपी) में 27.08 लाख जल संबंधों के लिए कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं।
जलदाय मंत्री ने बताया कि 72 प्रतिशत स्कूल, 60 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्र, तथा 66 प्रतिशत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हर घर जल कनेक्शन से जोड़े जा चुके हैं और उन्हें नलों के माध्यम से शुद्ध पेयजल मिल रहा है। 42 हजार 885 गांवों में ग्राम जल स्वच्छता समितियों (वीडब्लूएससी) का गठन किया गया है, जिसमें राजस्थान अग्रणी है। अभी तक 43 हजार 364 में से 43 हजार 273 गांवों में ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार कर ली गई हैं। पानी की गुणवत्ता जांच के लिए 32 जिलों में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त जिला स्तरीय प्रयोगशालाएं जबकि जयपुर में एक राज्य स्तरीय प्रयोगशाला स्थापित हैं। जयपुर में करीब 5.36 करोड़ रूपए की लागत से राज्य स्तरीय प्रयोगशाला का नया भवन तैयार किया जा रहा है। साथ ही, आमजन तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए ब्लॉक स्तर पर भी 250 प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं।