• September 11, 2018

पोषण अभियान में एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका महत्वपूर्ण

पोषण अभियान में एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका महत्वपूर्ण

जयपुर——– प्रदेश में एक सितम्बर से 30 सितम्बर तक संचालित पोषण अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों में तीनों-‘ए’ यानी एएनएम, आशा, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

फील्ड स्तर पर कार्यरत ये तीनों स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मिलकर पोषण माह के साथ मातृ, शिशु, स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (एमसीएचएन-डे) पर बेहतर तालमेल के साथ प्रसव पूर्व देखभाल, टीकाकरण एवं नवजात स्वास्थ्य देखभाल सेवायें प्रदान करने के निर्देश दिये।

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने मंगलवार को आयोजित वीडियो कांफ्रेंंस के माध्यम से पोषण माह में संचालित गतिविधियों की समीक्षा करते हुये प्रदेश के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया।

उन्होंने पोषण माह अभियान में सभी आशा सहयोगिनियों को घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों की स्क्रीनिंग कर संबंधित कुपोषण उपचार केन्द्रों पर रैफर करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि पोषम माह के अंतिम सप्ताह में 11 से 19 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों में खून की कमी की जांच लैब टक्नीशियन के द्वारा की जायेगी।

एनीमिया ग्रसितों को आईफए की गोलियां निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेंगी। उन्होंने चिकित्सा केन्द्रों पर कार्यरत एडोलोसेंट काउंसलर्स को स्कूलों में जाकर किशोर-किशोरियों के साथ परामर्श शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिये।

प्रमुख शासन सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती रोली सिंह ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत माताओं को परिवार में पहले जीवित बच्चे के लिये कुल 5 हजार रूपये की राशि किश्तों में सीधे खाते में प्रदान किया जाता है।

उन्होंने कहा कि एमसीएचएन-डे ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का सबसे बेहतर अवसर है। उन्होंने सभी एएनएम, आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को का बेहतर उपयोग करते हुये सेवायें प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आशीष मोदी, निदेशक एड्स डॉ. एसएस चौहान, निदेशक आरसीएच डॉ. ओपी थाकन, अतिरिक्त निदेशक प्रशासन श्री राकेश शर्मा परिेयोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डा.रोमेल सिंह, परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डा. तरूण चौधरी सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

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