- January 18, 2017
पॉलीटेकनिक कॉलेजों में छात्रों के लिये राष्ट्रीय कौशल शैक्षणिक फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ)
चंडीगढ़——— हरियाणा के पॉलीटेक्रिक कॉलेजों में छात्रों को गुणात्मक और सुदृढ़ तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उदेश्य से राष्ट्रीय कौशल शैक्षणिक फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) को अपनाया जाएगा ताकि वोकेशनल शिक्षा से सामान्य शिक्षा और सामान्य शिक्षा से वोकेशनल शिक्षा की गतिशीलता की सुविधा प्रदान की जा सके।
एनएसक्यूएफ सक्षमता-आधारित फ्रेमवर्क है जो शिक्षा में अधिक पारदर्शिता और सभी शिक्षाओं व पाठयक्रमों को चरणबद्ध तरीके से विभिन्न स्तरों के अनुसार जैसेकि ज्ञान, कौशल और योग्यता को संगठित करता है और 100 से ज्यादा देशों में एनएसक्यूएफ की शिक्षाओं व पाठयक्रमों को मान्यता भी है।
यह निर्णय तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री अनिल मलिक की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड की गर्वनिंग परिषद की 6वीं बैठक में लिया गया। बैठक में राज्य में पॉलीटेक्रिक कॉलेजों में दी जा रही तकनीकी शिक्षा के सुधार और गुणवत्ता के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई और विभिन्न निर्णय लिए गए।
बैठक में बताया गया कि इन स्तरों को सीखने की क्षमता अनुसार 1 से 10 तक के ग्रेडों में बांटा गया है, जिसमें औपचारिक, अनौपचारिक और अयथाविधि के माध्यम से शिक्षा ली जा सकती है। यह सभी पाठयक्रम औद्योगिक संचालित है और 100 से ज्यादा देशों में एनएसक्यूएफ की शिक्षाओं व पाठयक्रमों को मान्यता भी है।
एनआईटीटीटीआर, चण्डीगढ और राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी, नई दिल्ली इन पाठयक्रमों को तैयार करने के लिए हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड के साथ भागीदार होंगे। बैठक में लिए गए अन्य निर्णयों में सॉफ्ट कौशल पाठ्यक्रमों की शुरुआत करके हरियाणा के छात्रों को रोजगारपरक बनाना, चरणबद्ध तरीके से पॉलिटेक्रिक कॉलेजों को मान्यता देना, आगामी मार्च और अप्रैल माह में रोजगार मेले आयोजित करना, उद्योगों के सहयोग से प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देना तथा स्कील इंडिया मिशन के तहत विभिन्न समूहों को लामबंद करने के लिए आवश्यक कदम उठाना शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त अन्य पहलों में मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा किये जा रहे अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें स्वायत्तता देना, अंत:विषय पाठ्यक्रमों की शुरुआत, छात्रों को रोजगार दिलाने के लिए पीएचडी चैम्बर्स, फिक्की, सीआईआई और जाने-माने अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ-साथ उद्योगों का सहयोग प्राप्त करना, प्रत्येक संस्थान में औद्योगिक वार्तालाप संस्थान प्रकोष्ठ स्थापित करना और उद्यमी विकास प्रकोष्ठ स्थापित करने के साथ-साथ छात्रों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए उद्योगों में कार्यरत व्यक्तियों के साथ अनुबंध करना भी शामिल है।
बैठक में बताया गया कि स्वर्ण जयंती योजना के अंतर्गत राज्य में राजकीय पॉलीटेक्रिक कॉलेजों को मान्यता देने के लिए 115 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इन योजनाओं के माध्यम से भारत सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों जैसे कि मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, मुद्रा, डिजिटल इंडिया इत्यादि के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
यदि कोई संस्थान हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड या संवैधानिक निकायों द्वारा स्वीकृति लिए बिना हरियाणा में दो व तीन वर्ष का डिप्लोमा स्तर की तकनीकी शिक्षा मुहैया करवा रहा है तो उनके लिए हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड अधिनियम में उपयुक्त अनुच्छेद सम्मिलित व संशोधन करके नकली संस्थानों व एजेसिंयों के प्रबंधन के विरूद्ध सख्त दंडात्मक कार्यवाही करने का भी निर्णय लिया गया है ताकि भोले-भाले लोगों को इन संस्थानों द्वारा ठगा न जा सके।
बैठक में, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति डॉ टंकेश्वर कुमार, तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक डॉ साकेत कुमार, एनआईटीटीटीआर के निदेशक डॉ एम पी पुनिया, पीईसी तकनीकी विश्वविद्यालय चंडीगढ़, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम, लोक निर्माण विभाग, औद्योगिक चैंबर्स जैसे कि पीएचडीसीसीआई, फिक्की, सीआईआई और मारुति सुजुकी कम्पनी गुरुग्राम के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।