• December 15, 2020

पैसा नहीं तो एडमिट कार्ड नहीं —-1245 विद्यालयों की लफंडर्गिरी— दबाया छात्रों का फीस —बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

पैसा नहीं तो एडमिट कार्ड नहीं —-1245 विद्यालयों  की लफंडर्गिरी— दबाया छात्रों का फीस —बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

पटना —- बिहार के 1245 विद्यालयों ने वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2021 में रजिस्टर्ड छात्रों का पैसा दबा लिया है। इन विद्यालयों ने छात्रों का रजिस्ट्रेशन कर लिया है लेकिन बोर्ड में फीस नहीं जमा की है। अगर बोर्ड को बकाया पैसा नहीं दिया गया तो संबंधित विद्यालय में रजिस्टर्ड छात्रों का भविष्य दांव पर होगा। 20 जनवरी से प्रैक्टिकल की तिथि निर्धारित की गई है, अगर फीस नहीं जमा हुई तो छात्रों को एडमिट कार्ड नहीं दिया जाएगा।

समीक्षा में पकड़ा गया मामला

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जब विद्यालयों की समीक्षा की तो 1245 विद्यालय ऐसे सामने आए हैं जो ऑनलाइन फीस नहीं जमा किए। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापक ने माध्यमिक परीक्षा 2021 में सम्मिलित होने वाले कुछ छात्रों का परीक्षा शुल्क ऑनलाइन नहीं जमा किया है।

1009 इंटर स्तरीय स्कूलों ने दबाया पैसा

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने समीक्षा में पाया है कि 1009 इंटरस्तरीय स्कूलों ने भी छात्रों का पैसा दबा लिया है। इन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अगर विद्यालयों ने फीस जमा नहीं की तो इंटर के संबंधित छात्रों को परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने दिया जाएगा। 9 जनवरी से इंटर की प्रयोगात्मक परीक्षा होगी और विद्यालयों ने 19 दिसंबर तक पैसा नहीं जमा किया तो छात्रों के साथ समस्या होगी।

विद्यालय कर रहे मनमानी, खामियाजा भुगतेंगे छात्र

समिति का कहना है कि बार-बार निर्देश के बाद भी 1245 विद्यालय मनमानी कर रहे हैं। बोर्ड का कहना है कि यह बड़ी वित्तीय अनियमितता का मामला है। ऐसे विद्यालयों को निर्देश दिया गया है, अगर फीस जमा नहीं किया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।

वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2021 के इंटरनल एसेसमेंट, प्रायोगिक परीक्षा 20 से 22 जनवरी तक होगी। परीक्षा प्रारंभ होने के पूर्व परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन जारी किया जाता है। परीक्षा में प्रवेश पत्र के आधार पर ही छात्रों को शामिल किया जाएगा।

ऐसे छात्रों का जिनका फीस जमा नहीं होगा उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। ऐसे छात्रों का प्रवेश पत्र ही नहीं जारी किया जाएगा। 1245 विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर होगा। विद्यालयों की मनमानी का खामियाजा छात्रों को भुगतना होगा।

(दैनिक भास्कर )

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