- December 7, 2015
पैक्स व्यवस्थापकों की सेवानिवृति आयु 60 वर्ष घोषित,

जयपुर – सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने घोषणा की है कि प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों की सेवानिवृति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है। इसी तरह से व्यवस्थापकों के वेतन भत्तों के भुगतान के लिए निवल आय के 60 प्रतिशत तक की व्यय सीमा को समाप्त कर दिया है, व्यवस्थापकों को कार्य के आधार पर प्रोत्साहन देने का भी निर्णय किया गया है।
सहकारिता मंत्री श्री किलक ने रविवार को अपने निवास पर प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री दीपक उप्रेती, रजिस्ट्रार डॉ. आर. वेंकटेश्वरन और राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ व सहकारी साख समितियां एम्पलाईज यूनियन के पदाधिकारियों की उपस्थिति में यह घोषणा की। दोनों संघों के पदाधिकारियों ने सहकारिता मंत्री श्री किलक की घोषणा का स्वागत करते हुए विश्वास दिलाया कि प्रदेश के व्यवस्थापक राज्य सरकार की मंशा के अनुसार काम करते हुए सहकारिता आंदोलन का लाभ अधिक से अधिक ग्रामवासियों तक पहुंचाते हुए आंदोलन को सशक्त बनाएंगे।
सहकारिता मंत्री श्री किलक ने कहा कि राज्य में त्रिस्तरीय साख व्यवस्था के निचले स्तंभ ग्राम सेवा सहकारी समिति को मजबूत बनाया जा रहा हैं। ऋण पत्रावलियां तैयार करने से वसूली तक के कार्य के लिए समिति को प्रोत्साहन दिया जाएगा, प्रोत्साहन राशि में से 75 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन के रुप में व्यवस्थापकों को दी जाएगी। सीसीबी द्वारा वितरित ऋणों, वसूली, अवधिपार वसूली, एनपीए वसूली और उपभोक्ता व्यवसाय में ग्राम सेवा सहकारी समितियों और उनके कार्मिकों की भागीदारी तय करते हुए व्यवस्थापकों/कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि मिल सकेगी। सीधे सीसीबी द्वारा वितरित ऋणों की वसूली में भी सहयोग करने वाले व्यवस्थापकों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने खुलासा किया कि उपभोक्ता व्यवसाय करने वाली पेक्स के व्यवस्थापकों व कार्मिकों को पीडीएस के कार्य को छोड़कर अन्य उपभोक्ता सामग्री के व्यवसाय पर लाभ की दस प्रतिशत राशि प्रोत्साहन के रुप में दी जाएगी। इसी तरह से नवाचार कार्यों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
सहकारिता मंत्री श्री किलक ने बताया कि पेक्स व्यवस्थापकों की सेवा-शर्तों सहित अन्य मांगों के विचार के लिए रजिस्ट्रार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें अतिरिक्त रजिस्ट्रार बैंकिंग, सदस्य सचिव व उपशासन सचिव सहकारिता, प्रबंध निदेशक अपेक्स बैंक, जयपुर, जोधपुर, डूंगरपुर बैंक के प्रबंध संचालकों को सदस्य बनाया गया है। यह समिति व्यवस्थापकों के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के साथ ही अन्य बिन्दुओं पर विचार कर दो माह में राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उन्होंने व्यवस्थापकों से आग्रह किया कि गांवों में ग्रामीणों व किसानों को अधिक से अधिक सहकारी सेवाएं मिले और इस तरह के प्रयास किए जाए कि कोई भी संस्था हानि में ना रह