पेयजल संकट से निपटने की रणनीति

पेयजल संकट से निपटने की रणनीति

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में पेयजल संकट से निपटने की रणनीति बनायें। पेयजल समस्या के समाधान की युद्ध-स्तर पर व्यवस्था करें। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मियों में पेयजल सुचारू रूप से मिलता रहे यह सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ पेयजल की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा भी उपस्थित थे।cm-water-supply-review

 मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में प्रदेश में पेयजल उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में जल स्तर गिरने से हेण्डपंप बन्द हो गये हैं, वहां राईजर पाप डालकर हेण्ड पंप चालू करवायें। सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में राईजर पाइप उपलब्ध रहें। ग्रामीण क्षेत्रों में नलजल योजनाएँ चलती रहें इसकी व्यवस्था करें। जहाँ जरूरत हो पेयजल परिवहन की व्यवस्था करें। पेयजल की स्थिति की लगातार मॉनीटरिंग की जाये। बिगड़े हेण्ड पंपों के सुधार की लगातार निगरानी की जाये।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 33 जिलों में पेयजल परिरक्षण अधिनियम लागू कर दिया गया है। प्रदेश में स्थापित 5 लाख 16 हजार 57 हेण्ड पंप में से 4 लाख 93 हजार 260 हेण्ड पंप चालू हैं। जिलों में 2 लाख 13 हजार 926 मीटर राईजर पाइप उपलब्ध हैं। विभाग द्वारा ग्रामीण पेयजल निगरानी प्रणाली विकसित की है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री अश्विनी राय, प्रमुख सचिव राजस्व श्री के.के. सिंह, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन श्री मलय श्रीवास्तव और मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल उपस्थित थे।

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