पेयजल परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण—मुख्यमंत्री

पेयजल परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण—मुख्यमंत्री

जयपुर———- मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि उन्होंने जनता से जो वादे किए, उन्हें पूरा किया। सरकार को भी जनता का भरपूर प्यार और आशीर्वाद मिला। यह प्यार ही सरकार की असली ताकत है। हम जनता के इस विश्वास को कभी टूटने नहीं देंगे।
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श्रीमती राजे गुरुवार को नागौर जिले के मकराना में राजस्थान ग्रामीण पेयजल एवं फ्लोराइड निराकरण परियोजना के कार्यों के लोकार्पण तथा मकराना शहर एवं मकराना तहसील के 119 गांवों, परबतसर शहर तथा परबतसर तहसील के 110 गांवों में नहरी पेयजल वितरण परियोजना के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रही थीं।

सिर पर मटका रख जाना पड़ता था कोसों दूर

मुख्यमंत्री ने कहा कि मकराना में पेयजल की गंभीर समस्या थी। माताओं और बहिनों को सिर पर घड़ा रख कोसों दूर से पानी लाना पड़ता था। गुणवत्ताहीन पानी से यहां के लोगों को दांतों, घुटनों और हड्डियों की समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

मैंने वादा किया था कि विश्वास रखें, आपकी मुसीबत कुछ ही दिनों में दूर हो जाएगी। खुशी है कि मकराना की जनता ने जो सपना देखा था, वह आज साकार हो गया। सरकार की मेहनत रंग लाई और मकराना के घर-घर में हिमालय का मीठा पानी पहुंच गया है।

नागौर पेयजल परियोजना पर खर्च हो रहे 4 हजार करोड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागौर पेयजल लिफ्ट परियोजना के तहत जिले में 4 हजार करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इससे बीकानेर से परबतसर के अंतिम छोर तक लोगाें को हिमालय का मीठा पानी मिल सकेगा। परियोजना से मकराना के सवा लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।

पहले मकराना को 12 से 15 दिन में एक बार पानी मिलता था, अब एक-दो दिन में पानी मिल सकेगा। आज से मकराना शहर को प्रतिदिन 120 लाख लीटर पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे प्रतिदिन प्रति व्यक्ति सौ लीटर पानी मिल जाएगा। श्रीमती राजे ने कहा कि 193 करोड़ रुपये की लागत से मकराना तहसील के 119 गांवों और 360 ढाणियों में भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा।

मकराना शहर और गांवों को 15 करोड़ से बने बुडसु हैडवक्र्स से पेयजल उपलब्ध होगा। इस हैडवक्र्स पर मकराना के लिए 466 हॉर्सपावर के पम्प लगाए गए हैं। बहुत जल्द कुचामन और नावां तक भी पेयजल पहुंच जाएगा। परबतसर में अगस्त में कार्य शुरू कर जुलाई 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।

झूठे वादे नहीं करती

श्रीमती राजे ने कहा कि उन्होंने कभी झूठे वादे नहीं किए। जो वादा किया, उसे पूरा भी किया। वर्ष 2013 में सरकार संभाली तो सरकार पर ढाई लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। बिजली कंपनियां लगभग 80 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी थीं, लेकिन उन्होंने कभी भी खजाने में पैसे नहीं होने की बात नहीं की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अकेला आदमी कुछ नहीं कर सकता। यदि सभी साथ जुट जाएं तो विकास की नई इबारत लिखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सड़क तंत्र सुदृढ़ीकरण हो या किसानों की कर्जमाफी और चाहे 12 साल तक की बालिका के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा का प्रावधान, सरकार ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व पहल की।

एमजेएसए से बढ़ा भूजल स्तर

श्रीमती राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन के तहत राज्य में 2 लाख से अधिक टांके, तालाब और एनिकट आदि बन चुके हैं। इससे भूजल पांच से छह फीट तक ऊपर आ गया है। यह अभियान यूं ही आगे बढ़ेगा तो प्रदेश में सिंचाई के पानी की कमी भी दूर हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से अब तक करीब 20 लाख लोग लाभान्वित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने ‘मेरी बेटी-मेरी अमानत’ का संदेश देते हुए कहा कि बच्चियां पढेंगी तो समाज आत्मनिर्भर हो जाएगा। सरकार ने भी बेटी के जन्म को प्रोत्साहन देने के लिए ‘मुख्यमंत्री राजश्री‘ योजना प्रारम्भ की है।

श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेशभर में लगभग 500 अन्नपूर्णा वैन से जरूरतमंद लोगों को 5 रुपये में नाश्ता और 8 रुपये में भरपेट खाना मिलने लगा है। सरकार ने 30 लाख किसानों के पचास हजार रुपये तक के ऋण माफ करने, किसान ऋण राहत आयोग का गठन करने, सहकारिता विभाग की ओर से दुर्घटना बीमा राशि पचास हजार से बढ़ाकर दस लाख रुपये करने जैसे बडे़ कदम उठाए हैं।

जनता ने ओढ़ाई है जिम्मेदारी की चुनरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की जनता ने उन्हें जिम्मेदारी की चुनरी ओढ़ाई है। सरकार भी इस जिम्मेदारी को निभाने का पूरा प्रयास कर रही है और इसे ध्यान रखते हुए सिर्फ नागौर में पिछले साढे़ चार वर्षों में लगभग 21 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य करवाए जा चुके हैं। इनमें से 2 हजार करोड़ रुपये केवल मकराना में खर्च हुए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क सुदृढ़ीकरण पर गत साढ़े चार वर्षों में 1 लाख 1 हजार करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं, जो अपने आप में इतिहास है। सरकार द्वारा प्रदेश के 125 मंदिरों में 600 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार कार्य करवाए जा रहे हैं। संतों और महापुरूषों के पैनोरमा बनाए जा रहे हैं।

मृतकों के प्रति जताई संवेदना

मुख्यमंत्री ने बुधवार को आए आंधी-तूफान में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने समारोह के दौरान आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए और पुष्पमालाओं से स्वागत भी नहीं करवाया।

ये की घोषणाएं

मुख्यमंत्री ने सालासर, पुष्कर, मकराना और परबतसर के 24 गांवों में 106 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए 96 करोड़ रुपये, 26 किलोमीटर लम्बे मकराना बाइपास के लिए 37 करोड़ रुपये, बोरावड़-मंगलाना की 38 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए 82 करोड़ रुपये की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 96 करोड़ रूपए की लागत से बोरावड़-खाटू की 36 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य प्रगतिरत है, इसे शीघ्र ही पूर्ण किया जाएगा।

बुड़सु हैडवक्र्स से जल वितरण का शुभारम्भ

इससे पहले मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने बुडसु हैडवक्र्स से जल वितरण का शुभारम्भ किया। महिलाओं ने मंगल कलश धारण कर हिमालय का मीठा पानी पहुंचने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।

केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री श्री सीआर चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से राजस्थान में बंद खानें फिर शुरू हो पाईं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आमजन के रोजगार से जुड़े इस मुद्दे को प्राथमिकता से लेते हुए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से नियमों में संशोधन करवाया। मुख्यमंत्री ने नागौर जिले में मीठा पानी उपलब्ध करवाने का ऎतिहासिक कार्य किया है। यहां की जनता इसके लिए सदैव आभारी रहेगी।

मकराना विधायक श्री श्रीराम भींचर ने कहा कि मकराना की जनता वर्षों से मीठे पानी का इंतजार कर रही थी। मुख्यमंत्री ने उनका इंतजार खत्म किया। उन्होंने कहा कि सरकार के भागीरथ प्रयासों से मजदूरों, किसानों और व्यापारियों सहित प्रत्येक वर्ग के चेहरे पर खुशी है।

इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री यूनुस खान, सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक, चिकित्सा राज्यमंत्री श्री बंशीधर बाजिया, माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री हरीश कुमावत, मेड़ता विधायक श्री सुखराम नेतड़िया, जायल विधायक श्रीमती मंजू बाघमार, नागौर विधायक श्री हबीबुर्रहमान, परबतसर विधायक श्री मानसिंह किनसरिया सहित अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।

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