पूर्वोत्‍तर क्षेत्र पर आधारित विरासत भारत प्रश्‍नोत्‍तरी

पूर्वोत्‍तर क्षेत्र पर आधारित विरासत भारत प्रश्‍नोत्‍तरी
नई दिल्ली  – पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विभिन्‍न पक्षों से संबंधित विषय वस्‍तुओं को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा प्रकाशित सामाजिक विज्ञान की पाठ्य पुस्‍तकों जैसे इतिहास, भूगोल और राजनीति विज्ञान में शामिल किया गया है। इस जानकारी को कक्षा-7, 9 और 12 की इतिहास कक्षाओं, कक्षा-6 से 12 की भूगोल कक्षाओं और राजनीति विज्ञान की कक्षा-6, 8 से 12 कक्षाओं में जोड़ा गया है। केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), एनसीईआरटी पाठ्य पुस्‍तकों पर आधारित पाठ्यक्रम को निर्धारित करता है। बोर्ड ने पूर्वोत्‍तर राज्‍यों की संदर्भ में शिक्षण, पूर्वोत्‍तर छात्रों के संबंध में जागरूकता और संवेदनशीलता जगाने के लिए नैतिक शिक्षा किट, पूर्वोत्‍तर की समृद्ध विरासत पर आधारित विरासत भारत प्रश्‍नोत्‍तरी और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र की जैव-विविधता के मामले में खासतौर पर विज्ञान प्रदर्शनी जैसी परियोजना को स्‍वीकृति दे दी है।

विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्‍वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रमों में निम्‍नलिखित विषय-वस्‍तु शामिल करने की सलाह दी है:-

1. i. पूर्वोत्‍तर से उपन्‍यास/लघु कथाएं

ii. स्‍वतंत्रता आंदोलन के साथ-साथ उपनिवेशवाद विरोधी विद्रोहों में भाग लेने वाले व्‍यक्‍तित्‍वों के साथ-साथ पूर्वोत्‍तर का इतिहास

2. देश के अन्‍य क्षेत्रों के छात्र पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में कुछ समय गुजारे ताकि वे उस क्षेत्र को समझते हुए यहां की संस्‍कृति की सराहना कर सकें। इसके अलावा विश्‍वविद्यालयों ने उच्‍चतर शिक्षा प्रणाली का विकास किया जाय और पूर्वोत्‍तर एवं अन्‍य क्षेत्रों के बीच निरंतर सांस्‍कृति आदान-प्रदान किया जाय।

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