पूर्वोत्तर राज्यों के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की समीक्षा

पूर्वोत्तर राज्यों के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की समीक्षा
नई दिल्ली  -केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम मंत्री श्री कलराज मिश्र ने पूर्वोत्तर राज्यों का दो दिन (29-30 जनवरी, 2015) का दौरा किया। श्री मिश्र ने गुवाहाटी में सभी हितधारकों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की समीक्षा की।

पीएमईजीपी सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम मंत्रालय की अग्रणी योजना है यह सूक्ष्म उद्यम स्थापित कर शहरी और ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर बढ़ाने का कारगर उपाय है।

भारत में बेरोजगारी दर अनुमातः 8.8 प्रतिशत के आसपास है जबकि अमेरिका में बेरोजगारी 6.1 प्रतिशत और जापान में 3.9 प्रतिशत है। इस समस्या का समाधान है शहरी और ग्रामीण औद्योगिकरण। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पीएमईजीपी योजना इस मसले के समाधान में सफल है। 2008-09 में इस योजना के लांच किए जाने के बाद से देश में 2.89 लाख इकाइयां स्थापित हुई हैं और 25.41 लाख रोजगार सृजन हुआ है। 31.12.2015 तक मार्जिन राशि 5652.47 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में इस योजना के तहत 48195 इकाइयां स्थापित हुई हैं, 557.90 करोड़ रुपए का मार्जिन राशि है और 2.90 लाख लोगों को रोजगार मिला है।

सौ दिवसीय कार्य योजना के तहत किए गए प्रयासों से 2014-15 में राष्ट्रीय स्तर पर पीएमईजीपी के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। 23 जनवरी, 2015 तक 20,351 परियोजनाओं से 495.03 करोड़ रुपए की मार्जिन राशि पहुंच गई है और 1,58,230 लोगों के लिए रोजगार के अवसर मिले हैं लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में 175.54 करोड़ के लक्ष्य की तुलना में 29.46 करोड़ रुपए की राशि ही है। यह चिंता का विषय है। बैठक में इस स्थिति की समीक्षा की गई और बाधाओं पर विचार किया गया।

श्री कलराज मिश्र ने कहा कि यह बैठक उपयोगी साबित होगी और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इसका लाभ मिलेगा।

Related post

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…
और सब बढ़िया…..!   अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

और सब बढ़िया…..! अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अतुल मलिकराम ——– सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर…
भाग्यशाली मैं ….  – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

भाग्यशाली मैं …. – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

(व्यंग लेख ) अतुल मलिकराम  :-   आज कल जीवन जीने का ढंग किसी राजा महाराजा जैसा…

Leave a Reply