- October 29, 2018
पुलिस द्वारा तोड़फोड़ और महिलाओं तथा बच्चों के साथ मार पीट करने से क्षेत्र में आतंक
प्रति,
पुलिस अधीक्षक बहराइच
दिनांक 28 अक्टूबर 2018 को एक प्रतिनिधिमंडल ने आपसे मिलकर थाना बौंडी के खैरा बाजार में 20 अक्टूबर 2018 को घटित घटना की तरफ आपका ध्यान आकर्षित कराया। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि केवल अल्पसंख्यक वर्ग को आतंकित करने और उन्हें जेल की सीखचों में डालने के उद्देश्य से भारतीय दंड विधान की धाराओं के साथ 7 विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निरोधक अधिनियम भी लगाया गया है।
पुलिस ने यह जानते हुए कि पूरी घटना में कोई ऐसा फंड नहीं प्रयोग किया गया है जो विधि विरुद्ध घोषित की गई संस्था का रहा हो और न ही प्रथम सूचना रिपोर्ट में इस तरह का आरोप वर्णित किया गया है। आप द्वारा दिए गए आश्वासन की निरंतरता में ज्ञापन दिया जा रहा है।
प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्ज कथन से स्पष्ट होता है कि घटना रात में घटती है लेकिन रिपोर्ट दर्ज कराने वाले को घटना कारित करने वाले अस्सी लोगों का नाम तो याद रहता है जबकि अपने साथ वालों का नाम याद नहीं जिनको उसने घायल बताया। आरोपक का यह कथन इस संदर्भ में विश्वसनीय नहीं प्रतीत होता।
प्रतिनिधिमंडल ने घटना स्थल पर पाया कि घटना के एक सप्ताह बाद भी जो व्यक्ति आरोपी नहीं हैं उनके घरों पर भी पुलिस जाकर तोड़फोड़ करती रही। महिलाओं और बच्चों को मारती पीटती रही जिसके नतीजे में बच्चे तक घर-द्वार छोड़कर दर-दर भटकने पर मजबूर हो गए।
लड़कियां और जवान औरतें पुलिस की बदसलूकी से बचने के लिए गांव छोड़कर रिश्तेदारियों में चली गईं। कथित पीड़ित पक्ष ने भी बातचीत के दौरान घटना को प्रशासनिक चूक का नतीजा बताया।
प्रथम सूचना रिपोर्ट में जो भी धाराएं अंकित की गई हैं उनमें से किसी में भी तीन साल से अधिक की सजा का प्रावधान नहीं है फिर भी पुलिस काफी अवधि बीत जाने के बावजूद निरंतर लोगों को गिरफ्तार कर रही है। पुलिस के इस व्यवहार से लगता है कि वह भी इस घटना में एक पक्षकार है।
अतः आपसे विनम्रता पूर्वक अपेक्षा की जाती है कि विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निरोधक अधिनियम की धारा 7 का विलोप कर गांव में आतंक का माहौल समाप्त करने एवं सामान्य जनजीवन स्थापित करने के लिए कठोर कार्रवाईयां समाप्त करने की कृपा करें।
संपर्क —- राजीव याादव
महासचिव, रिहाई मंच 9452800752