• March 17, 2015

पुलिस एवं कारागार के विभिन्न भत्तों में बढ़ोतरी – गृह मंत्री

पुलिस एवं कारागार के विभिन्न भत्तों में बढ़ोतरी – गृह मंत्री

जयपुर -गृह मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने सोमवार को विधानसभा में पुलिस विभाग, नागरिक सुरक्षा एवं रक्षा विभाग, कारागार विभाग एवं अभियोजन विभाग के विभिन्न भत्तों में बढ़ोतरी की घोषणा कीं।  उन्होंने राज्य में अपराधों में आई कमी के विस्तृत आंकड़े देने के साथ ही पुलिस आधुनिकीकरण और पुलिसकर्मियों के लिए अन्य घोषणाएं भी कीं।

श्री कटारिया सदन में मांग संख्या-16 पुलिस एवं मांग संख्या-17 कारागार पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने पुलिस विभाग की 40 अरब 23 करोड़ 57 लाख 77 हजार रुपए एवं कारागार विभाग की 1 अरब 33 करोड़ 69 लाख 1 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। इससे पहले श्री कटारिया ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि मांगों के संबंध में 234 कटौती प्रस्ताव सदन में आए हैं, उनका अध्ययन कराकर जवाब भिजवाया जाएगा और आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

गृह मंत्री ने घोषणा की कि कारागार विभाग के मुख्य प्रहरी एवं प्रहरी का मैस भत्ता 1500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1600 रुपए प्रतिमाह किया जाएगा। साथ ही उन्होंने पुलिस वायरलैस भत्ता, इमरजेन्सी टीम का रेस्पोन्स भत्ता, राजस्थान पुलिस का स्पोट्र्स फंड, उत्सव फंड, कारागार विभाग का आरमोरर भत्ता, स्पोट्र्स फंड, उत्सव फंड एवं बन्दी कल्याण कोष में भी बढ़ोतरी की घोषणा की। श्री कटारिया ने कहा कि केस ऑफिसर स्कीम, बीट व्यवस्था, सीपीओ और सीएलजी को और प्रभावी तरीके से संचालित किया जाएगा।

श्री कटारिया ने बताया कि वर्तमान सरकार के गत 14 महीने के कार्यकाल में राज्य में अपराधों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने तुलनात्मक आंकड़े देते हुए बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान हत्या, अपहरण, बलात्कार, चोरी, अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार, महिला अत्याचार एवं साम्प्रदायिक तनाव सहित सभी तरह के अपराध घटे हैं। उन्होंने वर्तमान सरकार के पिछले कार्यकाल 2003-2008 एवं पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल 2008-2013 के दौरान अपराधों की तुलनात्मक वस्तुस्थिति से सदन को अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल 2003-08 के अपहरण के 10 हजार 882, बलात्कार के 5 हजार 709, चोरी के 94 हजार 385 मामले दर्ज किए गए, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के 2008-13 के कार्यकाल के दौरान अपराध दर में बढ़ोतरी हुई जिसके तहत पांच वर्षों में अपहरण के 17 हजार 288, बलात्कार के 10 हजार 224, चोरी के 1 लाख 17 हजार 809 मामले दर्ज हुए।

गृह मंत्री ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान पुलिस विभाग को आवंटित बजट का पूर्ण उपयोग नहीं कर पाई और 387 करोड़ रुपए की राशि खर्च ही नहीं हो पाई। जबकि वर्तमान सरकार इस वर्ष पुलिस को आवंटित 3985 करोड़ रुपए में से 3635 करोड़ रुपए 12 मार्च तक खर्च कर चुकी है और उम्मीद है कि 31 मार्च तक 95 से 98 प्रतिशत तक राशि खर्च की जाएगी।

उन्होंने बताया कि पुलिस बल का क्षेत्रफल के लिहाज से राष्ट्रीय औसत 52 पुलिसकर्मी प्रति 100 वर्गकिलोमीटर है जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा मात्र 23.7 है। इस दृष्टि से 28 राज्यों में से राजस्थान का स्थान 27वां है। इसी प्रकार जनसंख्या की दृष्टि से भी भारत में प्रति एक लाख जनसंख्या पर कुल 136 पुलिसकर्मी हैं वहीं राजस्थान में यह आंकड़ा मात्र 115 है। इस दृष्टि से राज्य देश में 24वें स्थान पर है। पुलिस बल में कमी के बावजूद राज्य में अपराधों का आंकड़ा तुलनात्मक रूप से काफी कम है और राजस्थान अपराध के मामले में देश में छठे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध बढऩे की दर में कमी आई है।

श्री कटारिया ने वर्तमान सरकार के 14 महीने के कार्यकाल के तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि अपराधियों में पुलिस के प्रति भय तथा आमजन में विश्वास पैदा हुआ है और पुलिस का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने एसओजी और एसीबी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने कर्तव्यनिष्ठा से काम करते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उच्च पद पर आसीन अधिकारियों के विरुद्घ कार्रवाई करने में भी कोई चूक नहीं की जिसके लिए वे पुरस्कार के हकदार हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में महिला सुरक्षा की स्थिति को और मजबूत करने के लिए जयपुर, जोधपुर और कोटा में महिला हैल्प लाइन की शुरुआत की गई है जिसमें एक बटन दबाते ही पुलिस पांच मिनट में महिला की लोकेशन की जानकारी लेकर उसकी मदद के लिए पहुंचती है। उन्होंने कहा कि इस हैल्प लाइन का विस्तार सभी जिला मुख्यालयों तक किया जाएगा। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के 259 स्कूल एवं कॉलेजों की 39 हजार 847 छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया है और इस कार्यक्रम को सभी स्कूल एवं कॉलेजों में लागू करने का प्रयास किया जाएगा।

श्री कटारिया ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए बैलगाड़ी, ट्रैक्टर आदि पर रिफ्लेक्टर्स लगाने, हाइवे पर लेन ड्राइविंग, डिवाइडर्स पर सावधानी के प्रयास किए जाएंगे एवं शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुद्घ कार्रवाही की जाएगी।

गृह मंत्री द्वारा विधानसभा में की गयी महत्वपूर्ण घोषणाएं :-

क              पुलिस विभाग के हैड कॉन्सटेबल एवं कॉन्सटेबल, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा विभाग के मुख्य आरक्षी एवं आरक्षी, वाहन चालक तथा कारागार विभाग के मुख्य प्रहरी एवं प्रहरी के मैस भत्ता 1500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1600 रुपये किया जाना प्रस्तावित है।

पुलिस विभाग

क              पुलिस वायरलैस भत्ता – आरएसी के समकक्ष करते हुए पुलिस निरीक्षक को 100 रुपये प्रतिमाह, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, हैड कांसटेबल को 40 प्रतिमाह एवं कॉन्सटेबल को 20 रुपये प्रतिमाह किया जाना प्रस्तावित है।

क              इमरजेन्सी रेस्पॉन्स टीम को जोखिम भत्ता – पुलिस निरीक्षक से लेकर कॉन्सटेबल तक 300 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिमाह किया जाना प्रस्तावित है।

क              एसटीएफ में पदस्थापित सहायक कामान्डेन्ट को 300 रुपये प्रतिमाह, कम्पनी कमाण्डर को 200 रुपये प्रतिमाह, प्लाटून कमाण्डर को 120 रुपये प्रतिमाह, हैड कॉन्सटेबल को 100 रुपये प्रतिमाह तथा कॉन्सटेबल को 80 रुपये प्रतिमाह विशेष भत्ता दिया जाना प्रस्तावित है।

क              राजस्थान पुलिस के स्पोट्र्स फण्ड में इस वर्ष 35 लाख रुपये तथा उत्सव फण्ड में 30 लाख रुपये अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा विभाग

क               मानदेय (ड्यूटी भत्ता) – नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा विभाग के स्वयं सेवकों को मानदेय भत्ता 300 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 325 रुपये प्रतिदिन किया जाना प्रस्तावित है।

क              नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा विभाग के कल्याण निधि में इस वर्ष 6 लाख रुपये तथा उत्सव फण्ड में 3 लाख रुपये अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

कारागार विभाग

क              आरमोरर भत्ता – कारागार विभाग के प्रहरी आरमोरर को आरमोरर भत्ता 50 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिमाह किया जाना प्रस्तावित है।

क              कारागार विभाग के स्पोट्र्स फण्ड में इस वर्ष 7.50 लाख रुपये का तथा उत्सव फण्ड में भी 7.50 लाख रुपये अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

क              कारागार विभाग के बन्दी कल्याण कोष में इस वर्ष 175 लाख रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है, जिसमें से 100 लाख रुपये कच्चा माल क्रय करने हेतु रिवोल्विंग फण्ड के लिए, 50 लाख रुपये अन्य कल्याण कार्यों के लिए व 25 लाख रुपये प्रशिक्षण हेतु व्यय किया जाना प्रस्तावित है।

अभियोजन विभाग

क              न्यायालय में कार्यरत अभियोजन अधिकारियों को मोबाइल फोन के लिए पुनर्भरण की राशि 200 रुपये से बढाकर 500 रुपये प्रतिमाह किया जाना प्रस्तावित है।

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