• May 30, 2018

पुरातन लोक कला शैली से रूबरू– जीवंत सभ्यता की परिचायक : सोनल गोयल

पुरातन लोक कला शैली  से रूबरू– जीवंत सभ्यता की परिचायक : सोनल गोयल

झज्जर—भारतीय पुरातन लोक कला हमारी जीवंत सभ्यता का परिचायक है। लोक कला के माध्यम से हमें जानकारी मिलती है कि हजारों वर्ष पुरानी हमारी सभ्यता संपन्नता के साथ-साथ संस्कृति के विभिन्न रंगों से भी सरोबार थी।
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उपायुक्त सोनल गोयल ने कला एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौंजय से भारतीय पुरातन लोक कला पर आधारित संवाद भवन में आयोजित राष्ट्रीय उपस्थिति कार्यकम का शुभारंभ करते हुए ये उदगार व्यक्त किए।

डी सी ने कार्यक्रम में भाग ले रहे लोक कलाकारों को झज्जर आगमन पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये लोक कलाकार हमारी पुरातन लोक कला शैली व संस्कृति को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने का अहम कार्य कर रहे हैं। लोक कलाकारों की बदौलत ही हमें यह जान पाते हैं कि पुरातन काल में हमारी संस्कृति किस रूप व स्वरूप में थी।

अखिल भारतीय लोक कला एवं आदिवासी कला परिष्ठि नई दिल्ली एवं अखिल भारतीय रक्तदान गु्रप झज्जर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकारों ने अपने -अपने प्रदेश की लोक शैली मंच के माध्यम से उपस्थित लोगों को रू-ब-रू कराया। जम्मू काश्मीर के कलाकारों ने डोगरी नृत्य व गीत,हिमाचल के लोक कलाकारों ने कांगड़ा व डोगरा शैली, राजस्थान के कलाकारों ने जोधपुरी कालबेलिया नूत्य, पंजाब के लोक कलाकारों ने भांगड़ा, कर्नाटक की टीम द्वारा पूजा गुनित पट्टा व डूलू कुनिता शैली, झारखंड के लोक कलाकारों ने सराय के ला छाउ शैली पर नृत्य व लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी।

अखिल भारतीय लोक कला महोत्सव के अध्यक्ष निर्मल वैद ने कार्यक्रम के बारे में बताया कि भारत की विभिन्न पुरातन लोक कला व संस्कृति को जन-जन तक पंहुचाने के लिए भारत सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्रालय के सौंजय से राष्ठ्रीय उपस्थिति नामक श्रख्ंाला के तहत इसी वर्ष 15 फरवरी को केरल से शुभारंभ हुआ था। करीब सात राज्यों में राष्ट्रीय उपस्थिति श्रखंला के कार्यक्रम करते हुए आज झज्जर पंहुचे हैं।

कार्यक्रम में करीब 15 राज्यों की टीमें इस राष्ट्रीय उपस्थिति कार्यक्रम में अपने -अपने राज्यों की पुरातन शैली की लोक कला से लोगों को रूबरू करवा रहे हैं।

इस अवसर पर मंहेंद्र बंसल, कृष्ण कादियान, प्रमोद बंसल, पवन सैनी, जय प्रकाश दलाल, कमलेश अत्रि, सुनीता चौहान, मनीष बसंल, अशोक राठी, हसन राघी आदि उपस्थित रहे।

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