- July 31, 2017
पीड़ित एवं वंचित वर्ग को न्याय सुलभ कराने में पैरा लीगल वॉलेंटियर्स की अहम भूमिका – मुख्य न्यायाधिपति
जयपुर———–राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री प्रदीप नन्द्राजोग ने कहा कि पैरा लीगल वॉलेंटियस महिलाओं, बच्चों, बंदियों, अनुसूचित जाति, जनजाति, वरिष्ठ नागरिकों तथा समजा के पीड़ित एवं वचित वर्ग तक विधिक सेवा संस्थानों की पहुंच सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका को धैर्य एवं समझदारी से निभा रहें हैं। उन्होंने कहा पैरा लीगल वालेंटियर के माध्यम से विधिक सेवाओं की पहुंच सब तक निश्चित रूप से बढ़ी है परन्तु इसमें और सुधार की आवश्यकता है।
मुख्य न्यायाधिपति श्री नन्द्राजोग रविवार को राज्य कृषि प्रबन्धन संस्थान दुर्गापुरा के राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित दो दिवसीय ’राजस्थान पैरा लीगल वॉलेंटियर्स’ के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्य न्यायाधिपति श्री नन्द्राजोग ने कहा कि पैरा लीगल वॉलेंटियर्स समाज के वंचित एवं शोषित वर्ग के लिए प्रकाश की किरण की तरह है जो उनके जीवन के अंधकार को दूर कर उनमें आशा का संचार करते है। उन्होंने कहा कि पैरा लीगल वॉलेंटियर्स का कार्य एक सैनिक की तरह ही है। वो लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता है और उन्हें न्याय प्रक्रिया की जानकारी देता है जिससे वे सही दिशा में प्रयास कर अपना हक आसानी से प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने कहा कि पैरा लीगल वॉलेंटियर्स को कानून की बुनियादी जानकारी एवं सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी होने के साथ समाज में व्याप्त कुरितियों की भी जानकारी होनी चाहिए।
न्यायाधीश राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री के.एस. झवेरी ने कहा कि वंचित एवं पीड़ित वर्ग के जागरूक होने पर ही सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें अधिक से अधिक प्राप्त हो सकेगा। साथ ही उन्हें सरल एवं सस्ता न्याय भी समय पर सुलभ हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि पैरा लीगल वॉलेंटियर्स विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा स्थापित विधिक सेवा केन्द्रों पर तैनात होते है जो कानूनी सेवा संस्थानों या उचित सरकारी या गैर सरकारी एजेन्सियों के साथ जरूरत मंद व्यक्तियों के बीच सम्पर्क या मध्यस्थता कर सकते है।
न्यायाधीश राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष राजस्थान राज्य विधिक सेवा समिति जयपुर श्री मोहम्मद रफीक ने बताया कि विधिक सेवाओं की पहुंच हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए इस समय राज्य में लगभग तीन हजार पैरा लीगल एडवाइजर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को जागरूक करने एवं छोटे मोटे आपसी विवादों को आसानी से निपटाने में पैरा लीगल वॉलेंटियर्स अपना कार्य निष्ठा से कर रहे है।
न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं जुवेनाइस न्याय समिति, राजस्थान उच्च न्यायालय के सदस्य श्री एम.एन. भण्डारी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों का संरक्षण कर हम देश के भविष्य के समृद्ध कर सकते है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में शिशु गृहों की स्थिति अन्य राज्यों की अपेक्षाकृत बहुत अच्छी है फिर भी पैरा लीगल वॉलेंटियर्स को समय-समय पर अपने अपने क्षेत्रों के बाल गृहों की रिपोर्ट बना कर भेजनी चाहिए ताकि वहां और ज्यादा सुधार किये जा सके।
श्री भण्डारी ने कहा राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में निजी संस्थान बाल गृहों को गोद लेकर वहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हमें ऎसा तंत्र विकसित करना चाहिए जिससे अधिक से अधिक निजी सेक्टर इसमें सहभागी बनने के लिए आगे आएं।
इस अवसर राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री प्रदीप नन्द्राजोग ने राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित पुस्तक एल.एस.आर.आर (लीगल सर्विसेज रेड्डी रेक्नोर) का विमोचन भी किया ।
कार्यक्रम में अतिथियों को पौधे देकर उनका स्वागत किया गया। अन्त में सदस्य सचिव राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण श्री एस.के. जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।