• April 13, 2018

पीसी-पीएनडीटी एक्ट– मेटरनीटी होम संचालिका डॉक्टर को तीन वर्ष की सजा

पीसी-पीएनडीटी एक्ट– मेटरनीटी होम संचालिका डॉक्टर को तीन वर्ष की सजा

झज्जर——— बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को लीगल फ्रंट पर बड़ी जीत मिली है। झज्जर जिला सत्र न्यायलय ने पीसी-पीएनडीटी एक्ट की अवहेलना का दोषी करार देते हुए तनेजा मेटरनीटि होम की संचालिका डॉ मीना तनेजा को तीन वर्ष की सजा और दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।
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जिला उप न्यायवादी एवं पीसी-पीएनडीटी एक्ट जिला नोडल अधिकारी सुरेश खत्री ने बताया कि पीसी- पीएनडीटी एक्ट के तहत उपमंडल कोर्ट से दोषी करार को जिला सत्र न्यायलय ने वहीं सजा और जुर्माना बरकरार रखा है।

जिला न्यायवादी सीमा हुड्डा ——– हमारा नैतिक दायित्व होने के साथ फर्ज भी बनता है कि पीसी-पीएनडीटी एवं एमटीपी एक्ट की अवहेलना करने के आरोपियों को कानूनी फ्रंट पर उपलब्ध साक्ष्यों के साथ मजबूती से पैरवी करते हुए सलाखों के पीछे पहुचांए।

जिला उप न्यायवादी सुरेश खत्री ——– चार साल पूर्व एक जनवरी 2014 को सिविल सर्जन डॅा रमेश धनखड़ की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बहादुरगढ़ स्थित एक नर्सिंग होम पर छापामारी की,जिसमें नर्सिंग होम की संचालिका के खिलाफ सिटी पुलिस स्टेशन बहादुरगढ़ में एमटीपी और पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।

गत वर्ष बहादुरगढ़ स्थित न्यायालय के न्यायाधीश प्रदीप चौधरी की अदालत ने चिकित्सक मीना तनेजा को दोषी करार देते हुए तीन साल कारावास और दस हजार रुपए जुर्मानेे की सजा सुनाई।

उक्त निर्णय के विरूद्ध आरोपी चिकित्सक नेे एक मई 2017 को जिला एवं सत्र न्यायालय में माननीय एएसजे श्री लाल चंद की कोर्ट में अपील दायर की,जिस पर माननीय कोर्ट ने आरोपी चिकित्सक की अपील को नामंजूर करते हुए निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखा।

****** जिला न्यायवादी सीमा हुडडा ने बताया कि वर्तमान में इस एक्ट से जुड़े दस मामले बहादुरगढ़ न्यायालय और पांच मामले झज्जर स्थित न्यायालयों में चल रहे हैं,जिसमें आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए मजबूती से पैरवी की जा रही है।

पीसी पीएनडीटी के दोषियों को सजा बड़ी जीत : डीसी
उपायुक्त सोनल गोयल ने कहा कि लिंग जांच व भ्रूण हत्या एक संवेदनशील मसला है।

जिला प्रशासन की हर पीसी-पीएनडीटी एक्ट को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए पैनी नजर रखी जा रही है। इसी का परिणाम है जिला झज्जर का लिंगानुपात पिछले एक दशक में बेहतर हुआ है। जहां भी पीसी-पीएनडीटी एवं एमटीपी एक्ट का उल्लंघन होता मिलेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने आमजन से अपील की है कि उन्हें अपने आस-पास कहीं भी लिंग जांच या भ्रूण हत्या से संबंधित गतिविधि नजर आए तो उसके बारे में तुरंत स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन को सूचना दे।

सूचना को गुप्त रखा जाएगा। जिला उपायुक्त ने जिला न्यायवादी विभाग को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए भविष्य की शुभकामनाएं दी।

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