- January 21, 2016
पीलिया की समीक्षा :: सार्वजनिक सेवाएं सुलभ
हिमाचल प्रदेश —————— स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री कौल सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां पीलिया से निपटने के लिए उठाए गए पगों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम शिमला के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से उठाए गए कदमों के चलते शहर में पीलिया पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इन्दिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल तथा दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पीलिया के निःशुल्क परीक्षण किए जा रहे हैं तथा मरीजों को पीलिया की निःशुल्क दवा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक पीलिया के 817 मामले प्रकाश में आए हैं, जबकि पीलिया के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हुई है। उन्होंने संबंधित विभागों को पीलिया से निपटने के लिए मिलजुल कर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को पानी के रैंडम टैस्ट करवाने के निर्देश दिए तथा कहा कि यह टैस्ट कण्डाघाट स्थित प्रयोगशाला में करवाए जाएं।
श्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिमला शहर के लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रभावी कदम उठाए हैं। सभी मुख्य टैंकों को साफ कर दिया गया है और नियमित रूप से पानी का क्लोरिनेशन किया जा रहा है। उन्होंने शहरवासियों से भी अपनी पानी की टैंकियों को नियमित रूप से साफ करने का भी आग्रह किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को शहर के सभी घरों की मल निकासी सीवरेज लाईन में जोड़ने के निर्देश दिए ताकि सेप्टिक टैंकों से होने वाले रिसाव से पानी को दूषित होने से बचाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को पीलिया प्रभावित क्षेत्रों सहित शहर में इस बीमारी के प्रति जागरूकता अभियान में और तेजी लाने के निर्देश दिए।
नगर निगम शिमला के आयुक्त श्री पंकज राय ने कहा कि निगम द्वारा पीलिया पीडि़त चार वार्डों के लिए सात टीमों का गठन किया गया है, जिनमें प्लंबर भी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा 107 लोगों को उनकी निजी सीवर लाइन के लीकेज होने सेफ्टी टैंक से रिसाव व मुख्य सीवर लाइन से अपनी सीवर लाइन न जोड़ने के लिए नोटिस दिए गए हैं। तीन पानी के कनेक्शन काट दिए गए हैं।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री विनीत चैधरी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री हंस राज शर्मा, स्वास्थ्य, सुरक्षा नियामन के निदेशक श्री रामेश्वर शर्मा, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक श्री डी.एस. गुरंग सहित सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम शिमला के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सार्वजनिक सेवाएं सुलभ ——————— प्रशासनिक सुधार सचिव डाॅ. पूर्णिमा चैहान ने कहा कि सार्वजनिक सेवाएं आसानी से उपलब्ध करवाने के लिए लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत स्वास्थ्य, उद्योग, पुलिस, गृह रक्षक एवं नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाएं विभागों को भी शामिल किया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें।
डाॅ. पूर्णिमा चैहान आज यहां उक्त विभागों के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इन विभागों को अधिनियम के तहत प्राधिकृत अधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने प्राधिकृत अधिकारियों को अधिनियम के तहत दी जाने वाली सेवाओं को सभी जिला कार्यालयों के सूचना पट्ट पर 15 फरवरी, 2016 तक प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।यदि किसी मामले में प्राधिकृत अधिकारी निर्धारित समय के भीतर सूचना उपलब्ध करवाने में असमर्थ रहते हैं, तो याचिकाकर्ता अपीलीय अधिकारी के पास शिकायत कर सकता हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के नागरिक चार्टर (जन समुदाय) को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत शामिल करने पर विचार होना चाहिए।
बैठक में स्वास्थ्य और उद्योग विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।