- December 16, 2020
पीएम केयर्स फंड से बिहटा के ईएसआइ मेडिकल कॉलेज में स्थापित 500 बेड के कोविड अस्पताल बंद
पटना—- पीएम केयर्स फंड से बिहटा के ईएसआइ मेडिकल कॉलेज में स्थापित 500 बेड के कोविड अस्पताल को बंद किया जा रहा है। इसका कारण संक्रमितों की अत्यधिक कम संख्या माना जा रहा है। बुधवार को रक्षा मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद चार हल्के लक्षण वाले संक्रमितों को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
एक- दो दिन में वेंटिलेटर पर इलाजरत छह अन्य मरीजों को भी दूसरे अस्पताल शिफ्ट कर दिया जाएगा। यह जानकारी कोविड हॉस्पिटल की नोडल पदाधिकारी डॉ. वीणा सिंह ने दी।
24 अगस्त को पटना शहर से 30 किलोमीटर दूर बिहटा में ईएसआइ मेडिकल कॉलेज में कोविड अस्पताल की जिम्मेदारी सेना के मेडिकल कोर को सौंपी गई थी। एम्स पटना की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वीणा को इसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया था। शहर से दूरी के कारण लंबे समय तक यहां कोई संक्रमित भर्ती नहीं हुआ था। बाद में एम्स से रोगियों को रेफर कराया गया।
डेढ़-दो माह से यहां रोगी पहुंच रहे थे, लेकिन कभी संख्या दस से अधिक नहीं रही। हालांकि, चार दिनों से एम्स पटना में वेंटिलेटर फुल होने पर रोगियों को शिफ्ट कर उनकी जान बचाई गई थी।
अस्पताल स्थापित करने और संचालन की जिम्मेदारी भले ही रक्षा मंत्रालय की थी लेकिन बिजली-पानी, नर्सें व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने में राज्य सरकार को हर माह मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही थी। सिर्फ बिजली का बिल ही एक करोड़ से अधिक आ रहा था। कनेक्शन में 15 करोड़ खर्च हुआ था। साढ़े तीन माह में इस पर राज्य सरकार 50 करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर चुकी है। इस अस्पताल के संचालन की जिम्मेदारी एम्स पटना को दी जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार एम्स पटना के मेडिकल छात्र व फैकल्टी लंबे समय से नॉन कोविड मरीजों का उपचार शुरू करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें इस अस्पताल के संचालन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। सरकार के निर्देश मिलेंगे तो विचार किया जाएगा।