पीएम आशा– उपज की लाभप्रद कीमतें मुहैया कराना है –कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह

पीएम आशा– उपज की लाभप्रद कीमतें मुहैया कराना है –कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह

** फसल खरीद की दो वित्त वर्षों के लिए 150 अरब रुपये से आवंटित
** 62 अरब रुपये इस साल खर्च
** नेफेड को 160 अरब रुपये की अतिरिक्त बैंक गारंटी । यह गारंटी वर्तमान 290 अरब रुपये के अलावा होगी।
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दिल्ली ——– केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों की कटाई का सीजन शुरू होने से पहले आज गेहूं एवं चावल से इतर फसलों की अपनी बहुप्रतीक्षित खरीद प्रणाली की घोषणा कर दी। इन फसलों की खरीद बढ़े न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी। इसके अलावा मध्यवर्ती शीरे और गन्ने के रस से उत्पादित एथनॉल की खरीद कीमतें बढ़ाई गई हैं।

फसल खरीद की खातिर अगले दो वित्त वर्षों के लिए 150 अरब रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं। इस राशि में से 62 अरब रुपये इस साल खर्च किए जाएंगे। नेफेड जैसी खरीद एजेंसियों को 160 अरब रुपये से अधिक की अतिरिक्त बैंक गारंटी मिलेगी। यह गारंटी वर्तमान 290 अरब रुपये के अलावा होगी।

इस खरीद योजना को प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) नाम दिया गया है। योजना में तीन विकल्प दिए गए हैं।

पहला, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस)।

दूसरा, मध्य प्रदेश की भावांतर जैसी कीमत अंतर भुगतान योजना (पीडीपीएस)।

तीसरी, दाम घटने पर प्रायोगिक आधार पर निजी कारोबारियों से खरीद कराकर स्टॉक करना।

राज्य इन तीन योजनाओं में किसी को भी अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन एक ही फसल के लिए एक साथ दो योजनाएं नहीं चला सकते।

कीमत अंतर भुगतान योजना में 25 फीसदी तक के सरप्लस उत्पादन के लिए धन मुहैया कराया जाएगा।

निजी कारोबारियों से खरीद कराने की योजना में उन्हें एमएसपी पर 15 फीसदी तक प्रोत्साहन राशि मुहैया कराई जा सकती है।

किसान संगठन जय किसान आंदोलन के अविक साहा ने कहा, ‘इस फैसले में कुछ नया नहीं है। यह पुरानी योजनाओं की रीपैकेजिंग है।

उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन की उड़द की फसल बड़ी मात्रा में बाजार में आ चुकी है और इसके दाम एमएसपी से 40 फीसदी कम बने हुए हैं।

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा, ‘पीएम-आशा का मकसद उपज की लाभप्रद कीमतें मुहैया कराना है, जिनकी घोषणा 2018 के केंद्रीय बजट में की गई है।

यह एक ऐतिहासिक फैसला है।’

सरकार ने कहा है कि मध्य प्रदेश की भावांतर योजना की तर्ज पर बनाई गई कीमत अंतर भुगतान योजना केवल तिलहनों के लिए होगी।

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