- January 1, 2023
पीएमबीजेपी -> सभी को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध
पीएमबीजेपी के तहत उपलब्ध दवाओं की कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 फीसदी तक कम है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 893.56 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है. इससे नागरिकों को ब्रांडेड दवाओं की तुलना में लगभग 5,300 करोड़ रुपये की बचत हुई है। चालू वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में इन केंद्रों ने 30 नवंबर, 2022 तक 758.69 करोड़ रुपये की बिक्री की है। इससे नागरिकों को लगभग 4,500 करोड़ रुपये की बचत हुई। कुल मिलाकर इसकी बिक्री में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई है, जो जन औषधि की व्यापक स्वीकृति को दिखाती है।
यह योजना स्थायी और नियमित आय के साथ स्वरोजगार का एक अच्छा स्रोत प्रदान कर रही है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में जनऔषधि केंद्रों को 5.00 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, द्वीप क्षेत्रों व नीति आयोग की ओर से घोषित आकांक्षी (पिछड़े) जिलों में खोले गए जनऔषधि केंद्र या फिर महिला उद्यमी, पूर्व सैनिक, दिव्यांग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की ओर से खोले गए केंद्र को 2.00 लाख रुपये का एकमुश्त अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और अवसंरचना खर्च के लिए) प्रदान किया जा रहा है।
पूरे देश के 9,000 पीएमबीजेपी केंद्रों पर जन औषधि सुविधा सेनेटरी नैपकिन की बिक्री 1 रुपये प्रति पैड के हिसाब से की जाती है। इस योजना को शुरू किए जाने के बाद से 30 नवंबर, 2022 तक पूरे देश के प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर 31.40 करोड़ जनऔषधि सुविधा सेनेटरी पैड की बिक्री की चुकी है।
गुरुग्राम, चेन्नई, गुवाहाटी और सूरत में इसके चार गोदाम हैं। यह एसएपी आधारित इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली पर आधारित है, जिससे सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध आपूर्ति और तेजी से वितरण की सुविधा प्राप्त हो सके।
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