• August 13, 2016

पाक अधिकृत कश्मीर, जम्मू-कश्मीर का हिस्सा : बलूचिस्तान पर अत्याचार का जवाब दें

पाक अधिकृत कश्मीर,  जम्मू-कश्मीर का हिस्सा :  बलूचिस्तान पर  अत्याचार का जवाब दें

नई दिल्ली (जी न्यूज)———— कश्मीर पर शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि अब पाकिस्तान को पीओके और बलोचिस्तान में अत्याचार पर जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि भारत कानूनों का पालन करता है, इसलिए पाकिस्तान को इसे कमजोरी नहीं समझनी चाहिए। पीएम ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) जम्मू एवं कश्मीर का अभिन्न अंग है। 2

पहली बार बलोचिस्तान के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि पीओके और बलोचिस्तान में अत्याचार पर अब पाकिस्तान को जवाब देना होगा।

बैठक में जम्मू-कश्मीर में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चलाने वाली पीडीपी और विपक्षी दलों ने भी शिरकत की। मोदी ने इस दौरान पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है।

मोदी ने पाकिस्तान द्वारा समर्थित सीमापार आतंकवाद को घाटी में अशांति की मूल वजह बताया और कहा कि समय आ गया है जब बलूचिस्तान में और जम्मू कश्मीर में उसके अवैध कब्जे वाले इलाकों में हमारे पड़ोसी देश द्वारा किए जा रहे अत्याचारों का खुलासा किया जाए। इस बीच लोकसभा ने आज ही एक प्रस्ताव पारित कर घाटी में शांति और व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील के साथ ही इस बात पर जोर दिया कि देश की अखंडता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता।

पीडीपी ने कहा कि बैठक में जम्मू कश्मीर के लिए जो चिंता दिखाई गई है वह उल्लेखनीय है लेकिन इसके बाद विश्वास बहाली उपाय होने चाहिए ताकि लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया पटरी पर आ सके। कुछ विपक्षी दलों की मांग थी कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर भेजा जाए, लेकिन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की मौजूदगी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसा कोई प्रतिनिधिमंडल भेजने से पहले राज्य सरकार को कुछ जमीनी काम करने होंगे।

सिंह ने कहा, ‘राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जैसे ही मुझे जमीनी काम पूरे करने के बारे में सूचित करेंगी, हम इसे भेजने के बारे में विचार करेंगे।’

यह पूछे जाने पर कि क्या पैलेट गन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के बारे में कोई फैसला किया गया है ?

 राजनाथ और जेटली दोनों ने कहा कि इस संबंध में गृह मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति पहले ही गठित कर दी है और रिपोर्ट मिलने के बाद फैसला किया जाएगा।

जेटली ने कहा, ‘हमें सुरक्षा पहलुओं को देखना होगा और एक दूसरा विकल्प भी देखना होगा। पैलेट गन का इस्तेमाल 2010 में भी किया गया था, लेकिन इस बार इसपर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।’

जेटली ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में अपनी बात कही और सही इरादे से अपने विचार पेश किए।

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान की करतूतों का खुलासा करके उसके खिलाफ कूटनीतिक हमला बोलने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्रालय से विश्व के विभिन्न भागों में बसे पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों से संपर्क साधने और वहां की दुर्दशा के बारे में सूचना एकत्र कर उसे विश्व समुदाय के साथ साझा करने को कहा।

मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान चाहे जो भी झूठ फैला ले, विश्व उसके दुष्प्रचार के जाल में नहीं फंसेगा।’ उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसने अपने ही लोगों पर बम फेंकने के लिए अपने लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया। ‘अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों पर अपने अत्याचार का जवाब दुनिया को देना होगा।’

बैठक के लब्बो लुआब के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि सभी दलों की समान राय थी और राष्ट्रीय रुख पर भी एक राय थी तथा कश्मीर पर सरकार की नीति में कोई ढिलाई नहीं है। उन्होंने कहा, ‘इस बात पर सहमति थी कि आतंकवाद अथवा पृथकतावाद पर कोई समझौता नहीं होगा। सुरक्षा चौकसी सबसे ऊपर होगी और इसे आधार की तरह इस्तेमाल करते हुए हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि हालात सामान्य हों ताकि जहां तक औसत नागरिक का प्रश्न है तो जीवन दोबारा से सामान्य हो।’

जेटली ने कहा कि जहां तक सुरक्षा की बात है तो उसमें कोई कमी नहीं की जाएगी, लेकिन सुरक्षा बल संयम के साथ कार्रवाई करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद और हिंसा से कारगर तरीके से निपटा जाएगा। जहां तक आम लोगों के जीवन और आराम की बात है तो हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि हालात को सामान्य बनाया जाए।’ आज की बैठक के दौरान कांग्रेस और वाम दलों ने मुख्य धारा की और गैर मुख्य धारा की पार्टियों तथा अन्य संबद्ध पक्षों के साथ बातचीत का आह्वान किया और पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की हिमायत की।

बेहद तनावपूर्ण और दुखद स्थिति से निकलने के लिए कश्मीर के जख्मों पर मरहम लगाने की जोरदार वकालत करते हुए कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस बात पर जोर दिया कि सबसे जरूरी है कि ‘जख्मों पर मरहम लगाया जाए और बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए जाएं। लोगों और खास तौर पर युवकों के दिल और दिमाग को जीतना होगा।’

उन्होंने कहा कि प्यार और अपनापन दिखाकर ऐसा किया जाना चाहिए क्योंकि हम लड़कर नहीं जीत सकते।

बैठक में सबसे पहले अपनी बात रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत सरकार को हालात को बेहतर बनाने के लिए कोई योजना बनानी चाहिए। सिंह ने कहा, ‘हम सरकार को आश्वासन देते हैं कि कश्मीर मसले को हल करने के लिए जो भी कदम उठाया जाएगा उसे हमारा पूरा समर्थन होगा।’ उन्होंने कहा कि संप्रग के 10 बरस के शासन में इन मामलों के व्यवहारिक हल ढूंढने के प्रयास किए गए थे।

 माकपा ने घाटी में हालात सामान्य बनाने के लिए सभी संबद्ध पक्षों के साथ बातचीत तत्काल शुरू करने की जरूरत बताई और सरकार से पैलेट गन का इस्तेमाल रोकने सहित विश्वास बहाली के उपाय करने को कहा।

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