- February 16, 2015
पाकिस्तान भारत के साथ अर्थपूर्ण और गंभीर संवाद चाहता है
नई दिल्ली – : पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद पाकिस्तान भारत के साथ अर्थपूर्ण और गंभीर संवाद चाहता है।
डेली टाइम्स में रविवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, प्रधानमंत्री के विदेश मामलों एवं राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के सलाहकार, सरताज अजीज ने सावधानीपूर्ण तरीके से आशा जाहिर की कि भारत, संयुक्त राष्ट्र और कुछ अन्य देशों के समझाने-बुझाने पर आगे बढ़ा है।
अजीज ने कहा कि मोदी का शरीफ से टेलीफोन पर बात करना और विदेश सचिव एस.जयशंकर को इस्लामाबाद भेजने का फैसला दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलाने की दिशा में सही कदम है।
लेकिन यह देखना अभी बाकी है कि क्या इससे अर्थपूर्ण बातचीत की वास्तविक बहाली होती है। मसलन, यह दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच होने वाली वार्ता पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि वह निराशावादी नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “जो दौरा शुरू हुआ है, उसे लेकर मैं आशावादी तो हूं, लेकिन थोड़ा संशय है। बेशक बातचीत के संभावित एजेंडे, तौर-तरीके और समयसीमा पर चर्चा होगी। एकबार चर्चा शुरू हो जाए, तब यह अपना लय खुद पकड़ लेगी।”
अजीज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों के समझाने-बुझाने के बाद भारत को दोबारा वार्ता की पहल करनी पड़ी और संभवत: कश्मीर के कुछ आंतरिक घटनाक्रम ने भी कुछ भूमिका निभाई है।
कश्मीर के संबंध में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन हम अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं और उम्मीद है कि अन्य मुद्दों पर भी गंभीरता से चर्चा की जाएगी।
पाकिस्तान यह उम्मीद करता है कि भारत गंभीर बातचीत शुरू करे। अजीज ने कहा, “यह समग्र और व्यापक हो।”
उन्होंने कहा कि शांति वार्ता के रुक जाने के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर सहित विभिन्न मुद्दों पर अपना रुख कड़ा किया है।
अजीज ने कहा, “सीमा पर तनाव व्याप्त है, आप इसकी अवहेलना नहीं कर सकते।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यह नहीं कह सकता कि यह कश्मीर के मसले पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर जोर नहीं डालेगा।
अजीज ने कहा कि कश्मीर मसले के समाधान के लिए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का चार सूत्री फार्मूला भी अब प्रासंगिक नहीं रहा।