पांच ‘दिव्यांगता खेल केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय — मंत्री श्री थावरचंद गहलोत

पांच  ‘दिव्यांगता खेल केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय — मंत्री श्री थावरचंद गहलोत

नई दिल्ली (पीआईबी) —- केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कहा है कि देश के दिव्यांगजनों में खेलों के प्रति रुचि और पैरालिंपिक में उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में पांच ‘दिव्यांगता खेल केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इनमें से एक इस तरह का केंद्र खोलने के लिए अहमदाबाद शहर की पहचान की गई है।

गुजरात के जामनगर में आज भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की एडीआईपी योजना के तहत दिव्यांगजनों को सहायता एवं सहायक उपकरणों के वितरण के लिए ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’ को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। श्री गहलोत ने बताया कि केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत गुजरात को 8.06 करोड़ रुपये का कोष जारी किया है, इससे 2808 छात्रों को लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सुगम्य भारत अभियान के तहत 709 रेलवे स्टेशनों, 10,175 बस स्टेशनों और 683 वेबसाइटों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग-सीपीडब्ल्यूडी द्वारा मध्य प्रदेश के सीहोर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास केंद्र पर काम शुरू कर दिया गया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने इस अवसर पर कहा कि जो समाज दिव्यांगजनों की परवाह नहीं करता, वह स्वयं विकलांग समाज है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में दिव्यांग व्यक्तियों का अधिकार अधिनियम लाया गया था, जो न केवल अधिक सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि देश भर में दिव्यांग व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित और संरक्षित भी करता है। मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उन्हें देश के समग्र विकास के लिए समाज की मुख्य धारा में लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

शिविर का आयोजन एएलआईएमसीओ और जामनगर जिला प्रशासन के सहयोग से दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा किया गया था। 3805 दिव्यांगजनों को प्रखंड/पंचायत स्तर पर 3.57 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 6225 सहायता एवं सहायक उपकरण नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे। कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र आज शुरूआती वितरण शिविर में कुल 3805 पूर्व चिन्हित दिव्यांग लाभार्थियों में से जामनगर नगर प्रखंड के लगभग 50 लाभार्थियों को सहायता एवं सहायक उपकरण प्रदान किये गये। शेष चिन्हित लाभार्थियों को उनके निर्धारित सहायक उपकरण बाद में उनके निकटतम संबंधित प्रखंडो में उनके निवास स्थान पर जामनगर और देवभूमि द्वारका जिलों में बाद में आयोजित होने वाले वितरण शिविरों की एक श्रृंखला में प्रदान किए जाएंगे।

एडीआईपी योजना के तहत एएलआईएमसीओ द्वारा जिला प्रशासन जामनगर और देवभूमि द्वारका (गुजरात) जिला के सहयोग से जामनगर संसदीय क्षेत्र के छह स्थानों (धरोल, लालपुर जामनगर शहर और शहरी, जामखंभालिया और द्वारका) में दिव्यांग लाभार्थियों की पहचान के लिए 6 से 11 फरवरी, 2019 के दौरान (जिला जामनगर के चार स्थान और जिला देवभूमि द्वारका के दो स्थान) मूल्यांकन शिविर आयोजित किए गए थे।

विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण जिन्हें ब्लॉक स्तर पर मूल्यांकन शिविरों के दौरान पंजीकृत दिव्यांगजनों के बीच वितरित किया जाना है, उनमें 220 मोटर चालित ट्राइसाइकिल, 665 ट्राइसाइकिल, 385 व्हीलचेयर, 998 बैसाखी, 621 वॉकिंग स्टिक, 60 रोलेटर, 185 स्मार्ट फोन, 437 स्मार्ट छाड़ियाँ , 40 डेज़ी प्लेयर, 24 ब्रेल किट, 06 ब्रेल कैन, 163 सी.पी. चेयर, 856 एमएसआईईडी किट, 165 एडीएल किट (कुष्ठ रोग के लिए) 60 सेल फोन, 606 श्रवण यंत्र, 765 कृत्रिम अंग और कैलिपर आदि शामिल हैं।

सहायता/उपकरणों की खरीद/फिटिंग के लिए दिव्यांग व्यक्तियों को सहायता योजना (एडीआईपी) के तहत शिविर आयोजित किए जाते हैं। एडीआईपी दिव्यांगजनों को सहायता और सहायक उपकरण प्रदान करने के लिए सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है, और यह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईएमसीओ) द्वारा आयोजित किया जाता है।

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