पहाड़ी नस्ल की गाय की सरंक्षण व पहचान — : वीरेन्द्र कंवर

पहाड़ी नस्ल की गाय की सरंक्षण व पहचान — : वीरेन्द्र कंवर

शिमला —-पशु पालन हिमाचल प्रदेश के किसानों की आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और राज्य सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं कार्यान्वित कर रही है। यह बात पशुपालन, मत्स्य, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां पशुपालन विभाग के कार्यकलापों की समीक्षा करते हुए कही।

वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि विभाग ने केन्द्र सरकार को प्रदेश में मुर्रा भैंस फार्म स्थापित करने, साहिवाल गाय फार्म स्थापित करने, गौकुल ग्राम स्थापित करने तथा पशुपालकां को उनके घरद्वार पर चल पशु चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न परियोजनाएं भेजी हैं। इसके अलावा प्रदेश की पहाड़ी गाय के संरक्षण व इस नस्ल को पहचान दिलवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि बकरी पालन किसानों की आय का एक बड़ा ज़रिया बन सकता है और राज्य में इसे बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बकरी पालन योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों का चयन करके उत्तम नस्ल की बकरियां उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने अधिकारियों को राजस्थान के पशुपालन विभाग से सम्पर्क करने को कहा ताकि किसानों को अच्छी नस्ल की बकरियां लाभार्थियों को उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि बकरी पालन के बारे में किसानों को जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें इसके तौर-तरीके भी बताए जाएं।

वीरेन्द्र कंवर ने बेसहारा पशुओं पर किए जा रहे अत्याचारों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि एक सभ्य समाज में इस प्रकार की क्रूरता निंदनीय है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जख्मी, बीमार बेसहारा पशुओं को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने को कहा।

उन्होंने लोगों से भी अपील की कि कहीं पर आवारा पशु बीमार अथवा चोटिल पाया जाता है, तो इस संबंध में तुरंत पशु पालन विभाग के कर्मचारियों को अवगत करवाएं ताकि उपचार किया जा सके और इस कार्य में लोग भी सहयोग करें। उन्होंने प्रदेश में गौसदन/गौ अभयारण्य स्थापित करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मंत्री ने प्रदेश में सुअर पालन की सम्भावनाओं का पता लगाने को भी कहा ताकि सुअर पालन को प्रदेश में प्रचलित कर किसानों की आय में वृद्वि की जा सके।
मंत्री ने पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं तथा सरकार की नस्ल सुधार नीति की जानकारी उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभिन्न माध्यमों द्वारा विभाग की गतिविधियों का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए।

निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. स्वदेश कुमार चौधरी ने विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन तथा केन्द्र सरकार को भेजी गई योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रदान की।

बैठक में प्रधान सचिव पशुपालन संजय गुप्ता तथा विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।

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