“पशु पोषण” एप्लिकेशन का शुभारंभ – केन्‍द्रीय कृषि मंत्री

“पशु पोषण” एप्लिकेशन का शुभारंभ – केन्‍द्रीय कृषि मंत्री

केन्‍द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज यहां किसानों के लिए एक “पशु पोषण” एप्लिकेशन का शुभारंभ किया। श्री सिंह ने कहा कि गाय भैंसों के दुग्ध उत्पादन में आहार की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है । पशुओं पर होने वाले खर्चे का लगभग 65-70% उनके खान-पान पर व्यय होता है I यह देखा गया है कि अगर पशुओ को संतुलित आहर मिले तो वह अपने आनुवंशिक क्षमता के मुताबिक दूध दे सकते हैंI इन सब बातों को ध्यान में रखते हुये राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने एक सॉफ्टवेर विकसित किया है जिसे नेटबुक या कंप्यूटर में डाल (लोड) कर कम से कम लागत मे पशुओं का आहार संतुलित किया जाता है।1

केन्‍द्रीय कृषि मंत्री का पूरा भाषण निम्‍न रूप में हैं:-

‘’प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का शुभारंभ किया है I यह सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है जो भारत को डिजिटल रूप से एक सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनायेगी I ‘डिजिटल इंडिया’ की औपचारिक शुरूआत का लक्ष्य अपने सभी नागरिकों को डिजिटल अधिकार संपन्न बनाने के साथ-साथ अन्य मुद्दों का हल निकालना भी है।

इसके तहत सरकार देश में इंटरनेट की स्पीड बढ़ाना चाहती है । अगले कुछ (चार) सालों में ढाई लाख पंचायत ब्राडबैंड से जोड़ दिए जाएंगे। गांव-गांव में ब्राडबैंड का जाल बिछाया जाएगा। सरकार की सारी सूचना और योजना एप्लिकेशन्स के रूप में आपके स्मार्ट फोन पर होगी। जैसे ई-स्कॉलरशिप स्कीम, डिजिटल लॉकर, इत्यादि। सरकार डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी चलाएगी।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का सबसे अहम उद्देश्य तकनीक के माध्यम से आम लोगों का जीवन सरल करना है । डिजिटल इंडिया सप्ताह में सरकार की अहम योजनाओं से संबंधित मोबाइल एप्लिकेशन  भी जारी किए जा रहे हैं I हमारी कोशिश यह है कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से किसानों को कैसे ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाएं । इसी श्रंखला में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की तरफ से किसानों के लिए एक “पशु पोषण” एप्लिकेशन का शुभारंभ किया जा रहा है I

भारतवर्ष दुग्ध उत्पादन में दुनिया में सबसे अग्रणी है । इसके बाबजूद, अगर हम अपने पशु-धन की उत्पादकता पर ध्यान दें तो विकसित देशो की तुलना में अभी भी हम बहुत पीछे हैं I ऐसा नहीं है कि अपने गाय या भैंसों में क्षमता नहीं है परंतु बात उनके दुग्ध उत्पादन की अनुवांशिक क्षमता को पूरी तरह उपयोग में लाने की है I

राष्ट्रीय डेरी योजना के अंतर्गत चल रहे आहार संतुलन कर्यक्रम के द्वारा स्थानीय जानकार व्यक्तिओं के माध्यम से अभी यह सेवा पशुपालकों तक ही पहुंच रही है I अभी तक किये गये कार्यान्वयन में यह पाया गया है कि हर एक पशु में औसतन आधा लीटर दूध की वृद्धि हुई है, खिलाने पर होने वाला खर्चा घटा है, दाने-चारे का नुकसान कम हुआ है और कुल मिलाकर किसानों की आय में प्रति पशु प्रतिदिन 15 से 20 रुपये की वृद्धि हुई है I इसके साथ-साथ पशु के सामान्य स्वास्थ में सुधार हुआ है, दूध देने की अवधि बढ़ी है तथा प्रजनन क्षमता में सुधार हुआ है । इससे दो ब्यांतो के बीच का अंतर भी कम होता है ।

राष्ट्रीय डेरी योजना के अंतर्गत सन् 2017-18 तक देश के 40,000 गावों में लैपटॉप / नेटबुक के माध्यम से आहार संतुलन कार्यक्रम को पहुंचाना है, परन्तु देश के अन्य किसान इससे वंचित न रहें इसलिए एनडीडीबी द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि आहार संतुलन कार्यक्रम माड्यूल को मोबाइल फोन के माध्यम से देश के सभी किसानों को पहुंचाया जा सके ताकि कोई किसान इस तकनीकी से वंचित न रह जाए । कोई भी किसान अपने एंड्रायड मोबाइल फोन पर इस सॉफ्टवेयर को लोड करके आहार संतुलन कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे ।

 अत: इस बात को ध्यान में रखते हुए देश भर के हर एक किसान तक यह फ़ायदा पहुचाने की कोशिश में एनडीडीबी ने अब इस सॉफ्टवेयर को और भी सरल बनाया है, जिसे एंड्राइड (Android) मोबाइल फ़ोन पर लोड करके किसान खुद से ही अपने पशुओं का आहार संतुलित कर सकेगें I

इस एप्लिकेशन के इस्तमाल का तरीका बहुत ही सरल है और यह सभी लोगों के लिए उपलब्ध हैI पशुपालकों को सिर्फ (http://inaph.nddb.coop) वेबसाइट पर जा कर अपना पंजीकरण करना है, फिर अपने एंड्राइड (Android) फ़ोन पर अपने पशु (गाय/ भैंस) का पंजीकरण करके उनका आहार संतुलन करना हैI पंजीकरण के लिए अपने गायों और भैंसों को 12 नंबर का विशिष्ट टैग/ कड़ी लगाना जरुरी है, इस एप्लिकेशन की मदद से पशुमालिक अपने पास उपलब्ध पशु खाद्य पदार्थों को पशु की जरुरत के हिसाब से संतुलित कर सकगें I

जैसा कि हम सब जानते हैं कि “जानकारी सफलता की कुंजी है” इस एप्लिकेशन की मदद से किसानों को आहार संतुलन के बारे में जानकारी मिलेगी तथा वो अपने पशुओं को उनकी आवश्यकता के हिसाब से खिला पायेगें Iपिछले कुछ एक वर्षो में मोबाइल फ़ोन ने लोगों के जीवन को सरल बनाया है, अब यह सरलता से पशु के आहार का फार्मूला भी बनायेगा I

मैं आशा करता हूं कि पशुपालक इस सुविधा को अपना कर इसका पूरा फायदा लेंगें और इस कार्यक्रम को सफल बनाएगें । इस कार्यक्रम से पशुओं का दूध बढ़ेगा और पशुपालकों की शुद्ध आय में वृद्धि होगी जिससे वो अपने बच्चों की पढ़ाई, उनके खान-पान तथा स्वास्थ्य, इत्यादि पर खर्च कर पायेगें ।‘’

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