पर्यावरण संरक्षण को सामाजिक आन्दोलन बनाना जरूरी

पर्यावरण संरक्षण को सामाजिक आन्दोलन बनाना जरूरी

देहरादून ———– मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ओएनजीसी के एएनएम आॅडिटोरियम में उत्तराखण्ड वन विभाग तथा उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वर्ष 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट एवं देहरादून जू के ब्रोसर का अनावरण किया। पर्यावरण दिवस की थीम ‘‘बीट प्लाॅस्टिक पोल्यूशन’ प्लास्टिक कचरे का निस्तारण कैसे करें विषय पर आॅनलाइन डिजिटल निबन्ध प्रतियोगिता के विजेताओं को मुख्यमंत्री ने सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए पाॅलीथीन के इस्तेमाल पर रोक लगना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक देशों और भारत के कई राज्यों में पाॅलीथीन पर प्रभावी नियंत्रण के अच्छे प्रयास किये हैं।

उत्तराखण्ड में नैनीताल, गोपेश्वर, श्रीनगर, पौड़ी में भी जनजागरूकता से पाॅलीथीन पर प्रभावी अंकुश लगा है। उन्होंने कहा कि पाॅलीथीन के प्रयोग का पर्यावरण व वन्य जीवों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। पाॅलीथीन प्रतिबन्ध के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना होगा। स्कूलों में बच्चों को पाॅलीथीन के दुष्प्रभावों पर जागरूक करना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को सामाजिक आन्दोलन बनाना जरूरी है। पाॅलीथीन मुक्त उत्तराखण्ड एवं पर्यावरण संरक्षण के अन्य कार्यों के लिए राज्य, जिला एवं ब्लाॅक स्तर पर ईको टाॅस्क फोर्स बनाई जायेगी। इसमें प्रशासन के अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी, पर्यावरण से जुड़े एवं गैर सरकारी संगठनों के लोगों को शामिल किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी अभियान में यदि राजनैतिक इच्छाशक्ति, प्रशासन की ताकत एवं सामाजिक शक्ति जुड़ती है, तो वह अभियान अवश्य सफल होता है। जल संरक्षण की दिशा में हमें विशेष कदम उठाने होंगे। जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए वर्षा जल का संरक्षण करना जरूरी है। इसके लिए सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। सरकारी आवासों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा गंगा बेसिन भारत की 45 प्रतिशत लोगों को खाद्यान उपलब्ध कराती है। गंगा की निर्मलता और अविरलता को बनाये रखने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नमामि गंगे अभियान में हम सबको सहयोग देना होगा।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक श्री जयराज, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव श्री एस.पी. सुबुद्धि, गति फाउण्डेशन के संस्थापक श्री अनूप नौटियाल, सचिव सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, पर्यावरण विशेषज्ञ श्री विपिन कुमार, श्री सनत कुमार, देहरादून जू के निदेशक श्री पी.के पात्रो एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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