पर्यावरण संरक्षण के लिए सोच और व्यवहार में बदलाव जरूरी : श्रीमती पटेल

पर्यावरण संरक्षण के लिए सोच और व्यवहार में बदलाव जरूरी : श्रीमती पटेल

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण के लिये लोगों की सोच और व्यवहार में बदलाव लाना जरूरी है। उन्होंने महिलाओं का आव्हान किया कि बच्चों को देश, समाज और पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रेरित करें।

श्रीमती पटेल आज एलएनसीटी सभागार में “डिजिटलाइजेशन एण्ड इनोवेशन फॉर आर्गेनाइजेशन मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च” राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल ने इस मौके पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित और महिला वर्ग की टॉपर सुश्री सृष्टि देशमुख को सम्मानित किया।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने शिक्षण संस्थाओं से कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की भीषण समस्या से निपटने की दिशा में युवा पीढ़ी को अग्रसर करें। उन्होंने कहा कि पौधे का रोपण करना ही पर्यावरण संरक्षण के लिये पर्याप्त नहीं है।

पौधों को वृक्ष बनाने तक उनकी देखभाल नितांत आवश्यक है। श्रीमती पटेल ने जल-संरक्षण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सभी लोगों को आवश्यकतानुसार पानी का उपयोग करना चाहिये और इसकी बर्बादी को रोकने के लिये कारगर पहल करना चाहिये।

कुपोषण-मुक्त समाज के निर्माण की आवश्यकता

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि समाज के हर वर्ग को कुपोषित बच्चों को रोगमुक्त करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिये। सामूहिक प्रयासों से ही कुपोषण-मुक्त समाज का निर्माण संभव है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों और समाज-सेवी संस्थाओं ने पिछले एक वर्ष में 5 हजार से अधिक क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लेकर रोगमुक्त कराने में सराहनीय योगदान दिया है। समाज के अन्य वर्गों और शिक्षण संस्थाओं को इससे प्रेरणा लेना चाहिये।

विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ

श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने विभिन्न सेवाओं में चयनित विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में कार्य करें, वहाँ अपने अधीनस्थों के साथ पालकों के समान व्यवहार करें। लोगों की समस्याओं को निपटाने में रुचि लें। जरूरतमंदों की सेवा के लिये सतत प्रयासरत रहें।

मताधिकार का प्रयोग करने की अपील

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदेशवासियों से लोकसभा निर्वाचन-2019 में मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें गौरवान्वित होना चाहिये कि हमारे देश में गणतंत्र की स्थापना के साथ ही महिलाओं को भी मताधिकार प्राप्त हुआ है, जबकि अमेरिका जैसे विकसित देश में महिलाओं को कड़े संघर्ष के बाद मताधिकार मिला है।

राज्यपाल ने इस मौके पर राष्ट्रीय सम्मेलन की सी.डी. का विमोचन किया और एसओएस बालग्राम के बच्चों को फल और पुस्तकें भेंट की। इस अवसर पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रोफेसर आर.जे. राव, एल.एन.सी.टी. के अध्यक्ष श्री जे.एन. चौकसे और एम.पी.सी.टी. के प्रधान वैज्ञानिक श्री विकास शेंडे भी उपस्थित थे।

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