- March 15, 2016
पर्यावरण मंत्रालय : श्वेत उद्योगों की नई श्रेणी में पर्यावरण संबंधी अनापत्ति लेने की आवश्यकता नहीं होगीः जावड़ेकर
श्री जावड़ेकर ने कहा, ‘’उद्योगों का उनके प्रदूषण के बोझ के आधार पर पुन:वर्गीकरण एक वैज्ञानिक कार्य है। वर्गीकरण की पुरानी पद्धति ने कई उद्योगों को समस्याएं हो रही थीं और उनसे उद्योगों के प्रदूषण की झलक नहीं मिल रही थी। नयी श्रेणियां इन कमियों को दूर करेंगी और सभी को स्पष्ट तस्वीर उपलब्ध करायेंगी। ज्यादा प्रदूषण नहीं फैलाने वाले 25 औद्योगिक क्षेत्रों को पहले लाल रंग की श्रेणी में रखा गया था। इससे सभी को उनके बारे में गलत अंदाजा लग रहा था।‘’
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने औद्योगिक क्षेत्रों का वर्गीकरण प्रदूषण सूचकांक के आधार पर करने का मापदंड विकसित किया है, जो उत्सर्जन (वायु प्रदूषक), प्रवाह (जल का प्रवाह), उत्पन्न होने वाला खतरनाक कचरा और संसाधनों की खपत का कार्य है।
इस उद्देश्य के लिए जल (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) उपकर (संशोधन) अधिनियम 2003 से संदर्भ लिए गए हैं और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) कानून 1986 और दून घाटी अधिसूचना, 1989 के अंतर्गत विभिन्न प्रदूषकों के लिए मापदंड निर्धारित किए हैं।
किसी भी औद्योगिक क्षेत्र के लिए प्रदूषण सूचकांक पीआई 0 से 100 है और पीआई का बढ़ता मूल्य औद्योगिक क्षेत्र से बढ़ने वाले प्रदूषण के भार की बढ़ती डिग्री की ओर इंगित करता है। सीपीसीबी, एसपीसीबी और एमओईएफसीसी के बीच कई दौर की मंत्रणा के आधार पर ‘प्रदूषण सूचकांक के दायरे’ के बारे में निम्नलिखित मापदंडों को अंतिम रूप दिया गया है, ताकि उद्योगों के वर्गीकरण को अंतिम रूप दिया जा सके।
o 60 और उससे अधिक प्रदूषण सूचकांक के आंकड़ों वाले औद्योगिक क्षेत्र – लाल रंग की श्रेणी
o 41 से 59 के बीच प्रदूषण सूचकांक के आंकड़ों वाले औद्योगिक क्षेत्र – नारंगी रंग की श्रेणी
o 21 से 40 के बीच प्रदूषण सूचकांक के आंकड़ों वाले औद्योगिक क्षेत्र – हरी रंग की श्रेणी
o 20 तक प्रदूषण सूचकांक के आंकड़ों वाले औद्योगिक क्षेत्र – सफेद रंग की श्रेणी
उद्योगों का नये सिरे से वर्गीकरण के कार्यों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैः
वैज्ञानिक कसौटी के आधार पर औद्योगिक क्षेत्रों की प्रदूषण फैलाने की क्षमता से संबंधित महत्व दिया गया है। इसके अलावा जहां भी संभव हो सका है, कच्चे माल का उपयोग, अपनाई गई विनिर्माण प्रक्रिया और उससे उत्पन्न होने वाले प्रदूषकों के आधार पर औद्योगिक क्षेत्रों के विभाजन पर भी विचार किया गया है।
Ø लाल रंग की श्रेणी वाले औद्योगिक क्षेत्र 60 होंगे
Ø नारंगी रंग की श्रेणी वाले औद्योगिक क्षेत्र 83 होंगे
Ø हरे रंग की श्रेणी वाले औद्योगिक क्षेत्र 63 होंगे
Ø हाल ही में शुरू की गई श्वेत रंग की श्रेणी में 36 औद्योगिक क्षेत्र आएंगे, जो व्यवहारिक रूप से किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलाते
Ø श्वेत श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उद्योगों को अपने कामकाज के लिए मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। संबंधित एसपीसीबी/पीसीसी को सूचना देना पर्याप्त रहेगा
Ø लाल रंग की श्रेणी वाले उद्योगों को सामान्यतः नाजुक पारिस्थिकी वाले क्षेत्र/ संरक्षित क्षेत्र में अनुमति नहीं मिलेगी लाल, नारंगी, हरी और श्वेत श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले उद्योगों का उल्लेख नीचे दी गई तालिकाओं – 1, 2, 3 और 4 में प्रदान किया गया है।
हाल ही में शुरू की गई उद्योगों की श्वेत रंग की श्रेणी में वे उद्योग आते हैं, जो व्यवहारिक रूप से प्रदूषण न फैलाने वाले जैसे बिस्कुट ट्रेज़ आदि जैसे औद्योगिक क्षेत्र आते हैं। उद्योगों के वर्गीकरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उद्योग की स्थापना इस प्रकार की जाए कि वह पर्यावरण के उद्देश्यों के अनुरूप हो । नए मापदंड उद्योगों को स्वच्छ प्रौद्योगिकियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे और इसके परिणामस्वरूप कम प्रदूषक उत्पन्न होंगे।
नये वर्गीकरण का एक लाभ यह भी होगा कि उद्योग अपना स्वत: आकलन कर सकेंगे, क्योंकि पूर्व के आकलन की व्यक्तिपरकता समाप्त कर दी गयी है। उद्योगों का नए सिरे से वर्गीकरण देश में कामकाज का स्वच्छ एवं पारदर्शी वातावरण तैयार करने और कारोबार में सुगमता लाने के वर्तमान सरकार के प्रयासों, नीतियों और उद्देश्यों का अंग है।
इसी से मिलते-जुलते अन्य प्रयासों में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में उत्सर्जन/ प्रवाह की निरंतर ऑनलाइन निगरानी प्रणाली, प्रदूषक औद्योगिक समूहों के आकलन के लिए सीईपीआई (समग्र पर्यावरण प्रदूषण सूचकांक) की अवधारण पर पुनर्विचार करना, वर्तमान औद्योगिक उत्सर्जन/ प्रवाह के मानकों में संशोधन, गंगा नदी थाले में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए विशेष अभियान का प्रारंभ किया जाना शामिल है और इसके अलावा आने वाले दिनों में बहुत से अन्य कदम उठाए जाएंगे।
तालिका 1 – लाल रंग की श्रेणी में आने वाले उद्योग
क्रम संख्या | औद्योगिक क्षेत्र | क्रम संख्या | औद्योगिक क्षेत्र |
1 |
खतरनाक रसायनों का अलग भंडारण | 39 | धागा / वस्त्र प्रसंस्करण |
2 |
आटोमोबाइल विनिर्माण (समेकित) | 40 | क्लोर छार |
3 |
खतरनाक कचरे का पुनर्चक्रण (इस्तेमाल में लाए गए विशुद्ध धातु के उत्प्रेरक) | 41 | शिप ब्रेकिंग |
4 |
लूब्रकेटिंग ऑयल और ग्रीस निर्माण | 42 | तेल और गैस उत्खनन |
5 |
डीजी सेट (> 5 एमवीए) | 43 | मेटल सरफेस ट्रीटमेंट |
6 |
कार्बन ब्लैक और एलाइड | 44 | चमड़ा बनाने का कारखाना |
7 |
लेड एसिड बैटरी | 45 | बंदरगाह /गोदी /घाट |
8 |
फास्फेट रॉक प्रोसेसिंग | 46 | संश्लेषित रेशम |
9 |
बिजली घर | 47 | ताप बिजली घर |
10 |
खतरनाक कचरे का पुनर्चक्रण (इस्तेमाल में लाए गए उत्प्रेरक) | 48 | बूचड़खाना |
11 |
क्लोरनेटेड हाइड्रोकार्बन्स | 49 | एल्युमिनियम स्मेल्टर |
12 |
चीनी | 50 | कॉपर स्मेल्टर |
13 |
फाइबर ग्लास उत्पादन | 51 | उर्वरक (बेसिक) |
14 |
पटाखे | 52 | अविभाज्य लोहा एवं इस्पात |
15 |
ई-कचरा रीसाइकलर्स | 53 | लुगदी और कागज (ब्लीचिंग) |
15 |
दूध और डेयरी उत्पाद | 54 | जिंक स्मेल्टर |
17 |
फास्फोरस | 55 | तेल रिफाइनरी |
18 |
लुगदी और कागज | 56 | पेट्रोकेमिकल्स |
19 |
कोयला बनाना | 57 | फार्मास्यूटिकल्स |
20 |
विस्फोटक / डेटोनेटर | 58 | लुगदी और कागज ( बड़े कृषि + लकड़ी), |
21 |
पेंट, वारनिश और पिगमेंट | 59 | आसवनी |
22 |
ऑर्गेनिक कैमिकल | 60 | रेल ईंजन वर्कशॉप / सर्विस सेंटर्स |
23 |
हवाई अड्डे और व्यवसायिक हवाई पट्टियां | ||
24 |
एसबेस्टस | ||
25 |
बेसिक कैमिकल | ||
26 |
सीमेंट | ||
27 |
क्लोरेट, पर-क्लोरेट एवं पराक्साइड | ||
28 |
क्लोरीन, फ्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन | ||
29 |
डाइयां और डाइ-इन्टर्मीडीएट | ||
30 |
स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठान | ||
31 |
होटल (विशाल) | ||
32 |
लेड एसिड बैटरी – रीसाइकलर्स | ||
33 |
वेस्ट इलैक्ट्रिकल और इलैक्ट्रोनिक्स के रीसाइकलर्स | ||
34 |
ग्लू और जिलेटिन | ||
35 |
माइनिंग एंड ओर बेनिफिकेशन | ||
36 |
परमाणु बिजली घर | ||
37 |
कीटनाशक | ||
38 |
फोटोग्राफिक फिल्म / रसायन |
तालिका 2 – नारंगी रंग की श्रेणी में आने वाले उद्योग
क्रम संख्या | औद्योगिक क्षेत्र | क्रम संख्या | औद्योगिक क्षेत्र |
1 |
अलमारी, ग्रिल विनिर्माण | 43 | बड़े कपास कताई और बुनाई |
2 |
स्क्रैप एल्युमीनियम और कॉपर निकालना | 44 | चूने का विनिर्माण (चूना भट्ठा का उपयोग) |
3 |
ऑटोमोबाइल सर्विसिंग, मरम्मत | 45 | लिक्विड फ्लोर क्लीनर ब्लैक फिनाइल |
4 |
आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा | 46 | कांच का विनिर्माण |
5 |
ईट के भट्ठा | 47 | शीट ग्लास से आईने के विनिर्माण |
6 |
भवन और निर्माण > 20,000 वर्ग मीटर | 48 | मच्छर भगाने वाली कॉयल का विनिर्माण |
7 |
काजू प्रसंस्करण | 49 | स्टार्च / साबूदाना का विनिर्माण |
8 |
चीनी मिट्टी की चीज़ें और रेफ्रेक्ट्रीज | 50 | ऑयल फायर्ड बॉयलर का इस्तेमाल करते हुए मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री |
9 |
चनाचूर और लड्डू भूसी से जलाए जाने वाले ओवन | 51 | मध्यम स्तर के होटल |
10 |
कोल वाशरीज | 52 | लकड़ी के मॉड्यूलर फर्नीचर |
11 |
कोटेड इलेक्ट्रोड | 53 | नई राजमार्ग निर्माण परियोजना |
12 |
कॉफी बीज प्रसंस्करण | 54 | गैर अल्कोहल पेय (शीतल पेय) |
13 |
कॉम्पैक्ट डिस्क कंप्यूटर फ्लॉपी | 55 | पेंट ब्लैंडिंग और मिश्रण (बॉल मिल) |
14 |
कॉपर अपशिष्ट रीसाइकलर्स | 56 | पेंट और वार्निश (मिश्रण और सम्मिश्रण)
|
15 |
डेयरी और डेयरी उत्पाद (छोटे पैमाने पर) | 57 | पार्बॉइल राइस मिल्स |
16 |
डीजी सेट (>1 एमवीए लेकिन <5 एमवीए) | 58 | औषधि निर्माण |
17 |
रोलिंग स्टॉक का विखंडन | 59 | प्लाई बोर्ड विनिर्माण |
18 |
ड्राइ सेल बैटरी | 60 | पोटेबल अल्कोहल (आईएमएफएल) सम्मिश्रण द्वारा |
19 |
सूखी कोयला / खनिज प्रसंस्करण | 61 | मुद्रण स्याही विनिर्माण |
20 |
फर्मेन्टेशन (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) | 62 | मुद्रण या ग्लास शीट की नक़्क़ाशी |
21 |
लौह और अलौह धातु निष्कर्षण | 63 | छापाखाना |
22 |
उर्वरक (दानेदार / निर्माण / सम्मिश्रण | 64 | प्रोड्यूसर गैस प्लांट |
23 |
मछलियों का खाना, पोल्ट्री फीड और पशुचारा | 65 | रीसाइकलर्स – यूजड ऑयल्स |
24 |
मछली प्रसंस्करण और पैकिंग | 66 | रीसाइकलर्स – वेस्ट ऑयल्स |
25 |
फ्लैक्स फ्रॉम रिजेक्टेड पैट बोतल | 67 | रीसाइकलिंग – पेंट एंड इंक स्लज |
26 |
फोम विनिर्माण | 68 | वेस्ट प्लास्टिक / पीवीसी का पुनर्प्रसंस्करण |
27 |
खाद्य एवं खाद्य प्रसंस्करण | 69 | रोलिंग मिल (ऑयल या कोल फायर्ड) |
28 |
लौह और अलौह की ढलाई | 70 | सिलिका जेल |
29 |
कपूर की गोलियों आदि का संरूपण /पिलेटाइजेशन | 71 | सिल्क / साड़ी स्क्रीन प्रिंटिंग
|
30 |
ग्लास सेरेमिक्स, मिट्टी के बर्तन और टाइल | 72 | स्प्रे पेंटिंग |
31 |
फ्लेक्स, वी पर नक्काशी, मुद्रण, डिजिटल मुद्रण | 73 | भट्टियों के साथ इस्पात और इस्पात उत्पाद |
32 |
हीट ट्रीटमंट यूजिंग ऑयल फायर्ड फर्नेंस | 74 | स्टोन क्रशर |
33 |
हॉट मिक्स प्लांट्स | 75 | शल्य चिकित्सा और चिकित्सा उत्पाद (लेटेक्स) |
34 |
आइसक्रीम | 76 | सिंथेटिक डिटर्जेंट और साबुन |
35 |
ढलाई के कार्यों से संबंधित उद्योग अथवा प्रक्रियाएं | 77 | सिंथेटिक रेजिन |
36 |
अशोधित / कच्चे नमक से आयोडीन युक्त नमक | 78 | सिंथेटिक रबर एक्सक्लुडिंग मोल्डिंग |
37 |
रंगाई बिना जूट प्रसंस्करण | 79 | टेफलॉन आधारित उत्पाद |
38 |
बड़ी बेकरी और कन्फेक्शनरी | 80 | थर्मोकोल विनिर्माण (बॉयलर सहित) |
39 |
ट्रांसफार्मर मरम्मत / विनिर्माण | 81 | थर्मामीटर |
40 |
टायर और ट्यूब वल्केनाइजेशन / पुराने टायरों में रबर चढ़ाना। | 82 | सिगरेट सहित तंबाकू उत्पाद |
41 |
वनस्पति तेल विनिर्माण | 83 | टूथ पाउडर, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर |
42 |
वायर ड्राइंग एंड वायर नेटिंग |
तालिका 3 – हरी रंग की श्रेणी में आने वाले उद्योग
क्रम संख्या | औद्योगिक क्षेत्र | क्रम संख्या | औद्योगिक क्षेत्र |
1 |
एल्यूमिनियम के बर्तन | 36 | रैडी मिक्स सीमेंट कंसन्ट्रेट |
2 |
आयुर्वेदिक दवाएं | 37 | अपशिष्ट कपास के पुनर्प्रसंस्करण |
3 |
छोटी बेकरी / हलवाई की दुकान | 38 | चावल की मिल (चावल की भूसी केवल) |
4 |
पीपी फिल्म
|
39 | रोलिंग मिल (गैस फायर्ड) एंड कोल्ड रोलिंग मिल |
5 |
बायोमास ब्रिकेट
|
40 | रबड़ की वस्तुएं (गैस से संचालित बेबी बॉयलर) |
6 |
मेलामाइन रेजिन | 41 | आरा मशीन |
7 |
पीतल और कांस्य धातु के बर्तन | 42 | साबुन निर्माण |
8 |
कैंडी | 43 | मसालों का सम्मिश्रण |
9 |
गत्ता / नालीदार बॉक्स | 44 | मसालों की पिसाई |
10 |
बढ़ईगीरी और लकड़ी का फर्नीचर | 45 | स्टील फर्नीचर |
11 |
सीमेंट उत्पाद | 46 | अनाज प्रसंस्करण |
12 |
मिश्रण से सिरेमिक रंग | 47 | टायर / ट्यूब रीट्रीटिंग |
13 |
चिलिंग प्लांट और बर्फ बनाना | 48 | चिलिंग / आइस प्लांट |
14 |
कोक ब्रिकेटिंग | 49 | सीओ 2 रिक्वरी |
15 |
छोटे कपास की कताई और बुनाई | 50 | आसुत जल |
16 |
दाल के मिल | 51 | छोटे होटल |
17 |
चीनी मिट्टी के कप की सजावट | 52 | ऑप्टिकल लेंस |
18 |
पीवीसी कपड़ों पर डिजिटल प्रिंटिंग | 53 | मिनरल वॉटर |
19 |
खाद्यान्नों को संभालना और भंडारण करना | 54 | इमली पाउडर |
20 |
आटा चक्की | 55 | संगमरमर पत्थर |
21 |
इलैक्ट्रिकल ग्लास, चीनी मिट्टी, मिट्टी के बर्तन | 56 | एमरी पाउडर |
22 |
स्टार्च से गोंद | 57 | फ्लाई ऐश |
23 |
गोल्ड एंड सिल्वर स्मिथी | 58 | मिनरल स्टैक यार्ड |
24 | गैर प्रदूषणकारी ऊष्मा उपचार | 59 | तेल एंड गैस ट्रांसपोटेशन पाइप लाइन |
25 |
इन्सुलेशन / कोटेड पेपर | 60 | सीजनिंग ऑफ वुड |
26 |
चमड़े के जूते / उत्पाद | 61 | सिंथेटिक डिटर्जेंट |
27 |
लूब्रिकैटिंग ऑयल, ग्रीस का मिश्रण | 62 | चाय प्रसंस्करण |
28 |
चिपकाई गई परत | 63 | बांस की पिसाई |
29 |
तेल मिल घानी | ||
30 |
पैकिंग सामग्री | ||
31 |
फिनायल / टॉयलट क्लीनर | ||
32 |
पॉलिथीन और प्लास्टिक उत्पाद | ||
33 |
पोल्ट्री, हैचरी और पिग्गरी | ||
34 |
पावरलूम (डाई और ब्लीचिंग रहित) | ||
35 |
मुरमुरे (गैस या इलेक्ट्रिकल हीटिंग) |
तालिका 4 – श्वेत रंग की श्रेणी में आने वाले उद्योग
क्रम संख्या | औद्योगिक क्षेत्र |
1. |
एयर कूलर / कंडीशनर |
2. |
साइकिलें, बेबी कैरेज |
3. |
बेलिंग ऑफ वेस्ट पेपर |
4. |
जैव उर्वरक / जैव कीटनाशक |
5. |
बिस्कुट ट्रे |
6. |
चाय का सम्मिश्रण / पैकिंग |
7. |
मुद्रण के लिए ब्लॉक बनाना |
8. |
चाक बनाना |
9. |
कम्प्रेस्ड ऑक्सीजन गैस |
10. |
सूती और ऊनी होजरी |
11. |
डीजल पंप की मरम्मत |
12. |
इलैक्ट्रिक लैम्प (बल्ब) और सीएफएल |
13. |
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक आइटम |
14. |
इंजीनियरिंग और निर्माण इकाइयों |
15. |
फ्लेवर्ड सुपारी |
16. |
फ्लाई ऐश ब्रिक्स/ ब्लॉक |
17. |
फाउनटेन पेन |
18. |
कांच की शीशियां |
19. |
ग्लास पुट्टी एंड सीलेंट |
20. |
मूंगफली छीलना |
21. |
हथकरघा / कालीन बुनाई |
22. |
चमड़े की कटाई और सिलाई |
23. |
नारियल भूसी से बने कॉयर उत्पाद |
24. |
मैटल कैप्स कंटेनर आदि |
25. |
शू ब्रश और वायर ब्रश |
26. |
मेडिकल ऑक्सीजन |
27. |
ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक पोषक तत्वों |
28. |
जैविक खाद |
29. |
पाउडर दूध की पैकिंग |
30. |
पेपर पिंस और यू क्लिप |
31. |
बिजली की मोटरों / जनरेटर की मरम्मत |
32. |
रस्सी (प्लास्टिक और सूती) |
33. |
वैज्ञानिक और गणितीय उपकरण |
34. |
सौर मॉड्यूल गैर-परंपरागत ऊर्जा उपकरण |
35. |
सौर फोटोवोल्टिक सेल, पवन ऊर्जा और मिनी जल विद्युत (कम से कम 25 मेगावाट)के माध्यम से सौर बिजली उत्पादन |
36. |
शल्य चिकित्सा और चिकित्सा उत्पादों को जोड़ना
|