• January 6, 2015

पर्यावरण अभियन्ताओं एवं वैज्ञानिकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

पर्यावरण अभियन्ताओं एवं वैज्ञानिकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

जयपुर – राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा हरिश चन्द्र माथुर राज्य लोक प्रशासन संस्थान में कनिष्ठ पर्यावरण अभियंताओं एवं कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार को प्रारम्भ हुआ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन वन, पर्यावरण एवं खान राज्यमन्त्री श्री राजकुमार रिणवां ने किया। श्री रिणवां ने कहा कि हमारा देश देवभूमि के रूप में जाना जाता है एवं यहां प्रकृति के तत्वों को धर्म से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सदियों से जारी परम्पराओं से विमुख हो जाने के कारण ही शरीर में व्याधियां और सृष्टि अर्थात पर्यावरण में समस्याएं उत्पन हुई हैं। मनुष्य, जितना प्रकृति से प्राप्त करता है, उसी अनुपात में प्रकृति का किसी भी रूप में पुनर्भरण भी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्यावरण संरक्षण, जल एवं वायु प्रदुषण नियंत्रण, वृक्षारोपण के लिये कार्य करना प्रत्येक नागरिक का कत्र्तव्य है। उन्होंने राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के कार्याें में सूचना प्रोद्यौगिकी के अधिकतम उपयोग से उद्योगों से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण में गति लाने पर बल दिया।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्यमन्त्री ने मण्डल के प्रकाशन ”ऑपरेटिंग मैनुअल- प्रोसीजर बुक ऑन फंक्शन्स ऑफ साइंटिफिक एण्ड टेक्नीकल डिविजंस ऑफ राजस्थान स्टेट पोल्युशन कन्ट्रोल बोर्डÓÓ का विमोचन भी किया

कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री ओ.पी. मीणा ने कहा कि तकनीक का बेहतर प्रयोग करते हुए ऑन लाइन आवेदन प्राप्ति एवं प्रोसेसिंग, वेबसाइट पर अधिकतम सूचना का प्रदर्शन, आमजन एवं अन्य आवेदनकर्ताओं को अधिकतम सूचना का इलेक्ट्रोनिक रूप मे संप्रेषण, सहायक सिद्घ हो सकते हैं। श्री मीणा ने प्रदूषण की गंभीर समस्या से ग्रस्त स्थानों पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती अपर्णा अरोड़ा ने प्रशिक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मण्डल के कार्मिकों के लिये इस प्रकार का प्रशिक्षण कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया जा रहा है।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सदस्य सचिव डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने कहा कि ज्ञान की सीमा अनंत है एवं ज्ञान विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है, परन्तु प्रशिक्षण कार्यक्रम सुनियोजित ज्ञान प्राप्ति का मुख्य माध्यम है।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्य पर्यावरण अभियंता श्री अशोक पुरी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी।

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