पत्थरबाजों पर अब एकॉस्टिक डिवाइस का अर्थ ?

पत्थरबाजों पर अब  एकॉस्टिक डिवाइस का अर्थ ?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कश्मीर में पत्थरबाजी करने वाले युवकों पर एक नई बहुत तेज आवाज करने वाली तकनीक के प्रयोग की अनुमति दे दी है. इसका मतलब यह है कि आगे आने वाले वक्त में जम्मू और कश्मीर में पत्थरबाजों पर पैलेट गन का प्रयोग कम से कम कर दिया जाएगा.

यह आवाज करने वाली तकनीक बहुत तेज दर्द पैदा करने वाली ध्वनि तरंगे पैदा करती है. आगे से जम्मू-कश्मीर में पुलिस इसके जरिए भीड़ को तितर-बितर करती दिखेगी.

सबसे पहले अमेरिका में हुआ था प्रयोग

यह सोनिक हथियार लंबी रेंज की एकॉस्टिक डिवाइस है. सबसे पहले इसका इस्तेमाल पिट्सबर्ग, अमेरिका में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान गुस्साई भीड़ को काबू करने के लिए किया गया था.

जम्मू-कश्मीर में कई बार पत्थरबाजों के चलते भारतीय सेना को आतंकियों पर कार्रवाई करने में भी समस्या होती है. LRAD नाम की यह तकनीक ऐसे मौकों पर भीड़ को तितर-बितर करने के काम आएगी ताकि सेना आराम से अपना काम कर सकें.

गृह मंत्रालय ने दिए खरीद शुरू करने के आदेश

गृह मंत्रालय ने सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स को इस तकनीक की खरीद शुरू करने के आदेश दे दिए हैं.

हालांकि LRAD के प्रयोग की इसलिए आलोचना भी होती रही है कि यह सुनने की शक्ति को हमेशा-हमेशा के लिए नुकसान पहुंचा सकती है. हालांकि गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि इसके जरिए दी जाने वाली खतरे की घंटी को दर्द सहने की इंसानी क्षमता से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाएगा.

भारत की कई संस्थाओं की अनुमति होगी जरूरी

मंत्रालय के जारी किए एक नोट में कहा गया है कि इस तकनीक के निर्माणकर्ताओं को इसके इंसान के कानों पर होने वाले प्रभावों के बारे में लिखना अनिवार्य होगा. इसके अलावा उन्हें इन तकनीक के लिए भारतीय संस्थाओं और स्वास्थ्य संगठनों की अनुमति लेनी जरूरी होगी.

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