• December 1, 2017

पंचायत के पास सरकार –अधिकारियों की जवाबदेही तय

पंचायत के पास सरकार –अधिकारियों की जवाबदेही तय

झज्जर –(जनसंपर्क विभाग) पिछले तीन वर्षों में गांवों में हुए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जानने के लिए पंचायतों के पास सरकार पहुंच रही है। हरियाणा के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की पहल पर यह अनूठा कार्यक्रम बादली विधानसभा क्षेत्र में चल रहा है। पंचायती सदन के सामने ही उनके गांवों के विकास के हिसाब-किताब भी पंचायत मंत्री की मौजूदगी में संबंधित विभाग और अधिकारी दे रहे हैं। 1 Dec OPD 01

शुक्रवार को बादली में एसडीएम कार्यालय में भी लाडपुर, दादरीतोए, निमाणा, कुकड़ौला और याकूबपुर गांवों की पंचायतों का बारी-बारी से गांव की पंचायतों का सदन लगा। एक तरफ संबंधित विभाग के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे तो दूसरी तरफ संबंधित गांव के सरपंच, पंच सहित गांव के मौजिज लोग।

गांव के विकास कार्यों की समीक्षा के इस अनूठे प्रयोग में प्रोजेक्टर के माध्यम से संबंधित गांव के विकास कार्यों को सिलसिलेवार राशि के साथ तथा विकास की प्रमाणित तस्वीर के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों से संबंधित काम पर पंचायत मंत्री ने स्वयं फीडबैक लिया। जिन विकास कार्यों पर ग्रामीणों की रजामंदी और रिकार्ड ने मेल नहीं खाया वहीं पंचायत मंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों की समक्ष ही संबंधित विभाग के अधिकारियों से मौके पर ही जवाबतलब करते हुए संबंधित विभाग अथवा अधिकारी की जवाबदेही भी तैयार की।

बकौल ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ जिले के गांवों में पंचायत की ओर से विकास कार्यों की इस तरीके से समीक्षा करने के पीछे उनका मकसद भी यही है कि विकास कार्यों में कही किसी तरह की लापरवाही बरती गई है या गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता किया गया है तो उस पर संबंधित की जवाबदेही भी मौके पर ही तय की जा सके। सही मायने में यही लोकतंत्र भी है। उन्होंने कहा केवल तकनीक के बलबूते ही विकसित होना ही कोई विकास का मापदंड नहीं है बल्कि वही लोग विकसित होते हैं जो ज्यादा जागरूक होते हैं।

उन्होंने कहा कि गांवों के विकास कार्यो की समीक्षा में वे जवाबदेही निर्धारित करने के साथ जवाब दे भी रहे हैं। सरकार की ओर से गांव के विकास के लिए जो कार्य कराए गए उनके साथ-साथ जिन विकास कार्यों की प्राथमिकता के आधार पर कराने की जरूरत है वह सभी समीक्षा के इस दौर में सामने आ रहा है।

उन्होंने कहा शिक्षित पंचायतों की वजह से अधिक जागरूगता और रूचि के साथ पंचायत प्रतिनिधियों का अपने तरह के इस सदन में चर्चा करने के साथ जहां जिम्मेदारी तय हो रही है वह पंचायत के प्रतिनिधि भी संतुष्टि का अनुभव करते हैं।

महिलाएं भी बन रही भागीदार गांवों के विकास कार्यों की इस चर्चा में सरकार के पंचायत के द्वार पहुंचने पर महिलाएं भी अपनी जिम्मेदारी के साथ उपस्थिति दर्ज करा रही है। शुक्रवार को भी निमाणा, याकुबपुर सहित अन्य गांवो की पंचायतों ने अपने-अपने गांवों की समीक्षा के दौरान पंचायत की महिला पंचों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

जिम्मेदारी के साथ गांव में हुए विकास कार्यों के साथ गांवों की अन्य जरूरतों को पंचायत मंत्री के समक्ष रखाा।गांव में बिजली, पानी सहित महिलाओं से जुड़े अनेक मुद्दे पंचायत की महिला जनप्रतिनिधियों ने उठाए। कृषि एवं पंचायत विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने भी इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि महिलाएं पूरी जागरूकता के साथ विकास कर समीक्षात्मक पहल का हिस्सा बनी हैं। समीक्षा का यह प्रयोग लोकतंत्र को निश्चित रूप से मजबूत करेगा।

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