- December 15, 2015
न्यूनतम मजदूरी में समान मजदूरी संरचना की ओर रुख करने का प्रयास
जयपुर -केन्द्र सरकार ने देश के सभी राज्यों में न्यूनतम मजदूरी में व्याप्त अंतर को कम करने के लिए एक समान मजदूरी संरचना की ओर रुख करने का प्रयास किया है। केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि केन्द्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 सहित विभिन्न श्रम विधानों में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में परिवर्तनों के आधार पर, राष्ट्रीय मानक स्तर की न्यूनतम मजदूरी (एनएफएलएमडब्ल्यू) को वर्तमान में एक जुलाई 2015 से 160 रुपये प्रति दिवस निर्धारित किया गया है।
श्री दत्तात्रेय ने यह जानकारी संसद में कोटा के सांसद श्री ओम बिरला के न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने सम्बंधी अतारांकित प्रशन के जवाब में दी।
उन्होंने बताया कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 में विद्यमान उपबंधों के अनुसार समुचित सरकार अपने क्षेत्राधिकार में पांच वर्षो से अधिक अंतराल पर सभी अनुसूचित नियोजनों के लिए न्यूनतम मजदूरी में संशोधन करती है। उन्होंने बताया कि मूल्यवृद्घि पर नियंत्रण रखने के लिए परिवर्ती मंहगाई भत्ता का प्रस्ताव रखा गया था। तदनुसार केन्द्रीय क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष पहली अप्रेल एवं पहली अक्टूबर से मजदूरी की न्यूनतम दरों को संशोधित किया जाता है।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि मजदूरी का निर्धारण विभिन्न घटकों यथा स्थानीय दशाओं, जीवन-यापन की लागत पर निर्भर करता है। न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 का क्रियान्वयन केन्द्र तथा राज्यों द्वारा अपने-अपने क्षेत्राधिकार में किया जाता है। केन्द्रीय क्षेत्र में प्रवर्तन, सामान्यत: केन्द्रीय औद्योगिक सम्बंध तंत्र के रूप में नामित मुख्य श्रमायुक्त (केन्द्रीय) के निरीक्षण अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। राज्य क्षेत्र में इसका अनुपालन राज्य प्रवर्तन तंत्र द्वारा सुनिश्चित किया जाता है।
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