• November 25, 2019

न्यूटन के तीसरे नियम के संशोधन पर विस्तृत प्रयोगात्मक रिपोर्ट—राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला-

न्यूटन के तीसरे नियम के संशोधन पर विस्तृत प्रयोगात्मक रिपोर्ट—राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला-

333 वर्ष पुराने न्यूटन के तीसरे नियम में भारत से संशोधन।

राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला,( National Physical Laboratory) नई दिल्ली ने अजय को न्यूटन के तीसरे नियम के संशोधन पर विस्तृत प्रयोगात्मक रिपोर्ट भेजने को कहा है।

अमेरिकन एसोसिएशन आॅफ फिजिक्स टीचरज के प्रैजीडैट प्रोफैसर गारडन रामसे अगस्त 2018 में ही अजय को प्रयोगों के सलाह दे चुके है।

बाक्स 1

” वस्तु का आकार एक महत्वपूर्ण घटक या फैक्टर है। न्यूटन का 333 वर्ष पुराना नियम इसकी अनदेखी करता है। यह महत्वपूर्ण खामी है। इसे नियम में संशोधन के बाद दूर किया गया है।”

बाक्स 2

”ये कोई साधारण प्रयोग नहीं है। ये 100 फीसदी सफल होगें और भारत का नाम दुनिया के हर स्कूल तक पहुंचेगा। प्रयोगो की मदद की जरूरत है। इस से विज्ञान का आधार हिलेगा । ”

अजय शर्मा ने 36 वर्ष पहले बी.ऐस.सी. में दुनिया के महानतम वैज्ञानिक न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन की बात कही थी। न्यूटन नियम के अनुसार क्रिया और प्रतिक्रिया हमेशा बराबर होते है। शर्मा के अनुसार प्रतिक्रिया क्रिया के बराबर, कम और ज्यादा भी हो सकती है। इसीलिए नियम में संशोधन किया गया है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR ) की राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला नई दिल्ली ने तीसरे नियम के संशोधन पर विस्तृत प्रयोगात्मक रिपोर्ट भेजने को कहा है। 22 अगस्त 2018 को अमेरिकन एसोसिएशन आॅफ फिजिक्स टीचरज के प्रैजीडैट प्रोफैसर गारडन रामसे ने भी अपनी रिर्पोट में अजय शर्मा को न्यूटन के तीसरे नियम की खामियां दर्शाने की बात कही थी। इसके अतिरिक्त भारत और यूरोप के वैज्ञानिक भी अजय के संशोधन को सिद्धान्त रुप में स्वीकार कर चुके है। अजय के 36 वर्षो की अथक मेहनत रंग ला रही है

शर्मा के अनुसार न्यूटन के 333 वर्ष पुराने न्यूटन के नियम की खामी यह है कि नियम वस्तु के आकार की अनदेखी करता है। मान लो हमारे पास विशेष रबड़ की 1 किलोग्राम की गेंद है। यह गोलाकार, अर्धगोलाकार, त्रिभुज, शंकु, छतरी नुमा, बेलनाकार, फलैट आदि-2 आकारों की भी हो सकती है। न्यूटन के मुताबिक वस्तु का आकार पूरी तरह बेमानी या महत्वहीन है। पर साधारण से वस्तुओ को टकराने वाले प्रयोगो में आकार महत्वपूर्ण प्रतीत होता है।

अगर हम रबड़ की गोल गेद को 1 मीटर की ऊचाई से , फर्श पर गिराते है। तो मान लो यह 1 मीटर तक ऊपर उछलती है। इस तरह क्रिया और प्रतिक्रिया बराबर हुए। पर अलग -2 आकार की वस्तुए 1 मीटर ऊंचाई तक नहीं उछलती है। सभी वस्तुयो पर क्रिया बराबर है तो प्रतिक्रिया भी बराबर होनी चाहिये। अलग अलग आकार की वस्तुयो को 1 मीटर की उँचाई तक उछलना चाहिए इस तरह क्रिया और प्रतिक्रिया बराबर नही है, और नियम अधूरा है।

संशोधित नियम में क्रिया और प्रतिक्रिया बराबर नही पर समानुपात में होती है।
अजय शर्मा के संशोधित नियम में क्रिया और प्रतिक्रिया बराबर नही पर समानुपात में होती है।अजय शर्मा के संशोधित नियम में एक नया घटक या फैक्टर आ जाता है। यह वस्तु के आकार की व्याख्या करता है। वैज्ञानिक चाहते है कि इस सम्बंध में संवेदनशील प्रयोग किये जाए।

अजय शर्मा 3 बार अमेरिका में, दो बार इग्लैड़ में रूस, जर्मनी, यूक्रेन, ताइवान आदि देशो में न्यूटन और आइस्टीन पर शोध लेख प्रस्तुत कर चुके है। वे जनवरी 2020 को भारतीय इड़ियन साइस कांग्रेस, बगलौर में भी न्यूटन के तीसरे नियम पर शोध पेपर प्रस्तुत करेगे।

शर्मा ने कहा कि वे इस समय जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत है। जिन्दगी भर स्कूल-कालेज में फिजिक्स पढ़ाई है। पर इस तरह के अति संवेदनशील प्रयोगो के लिए एक उच्च स्तरीय प्रयोगशाला की आवश्यकता होगी। जो उनके वश में नही है।

इस प्रयोगों के होने मात्र से भारत का नाम दुनिया के हर स्कूल में पहंुचेगा। अजय शर्मा ने प्रधानंमंत्री नरेन्द्र मोदी, साइंस एड टेक्नॉलॉजी मंत्री डा. हर्ष वर्धन, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज प्रार्थना की है कि वे वैज्ञानिकों की एक टीम गंठित करके इन प्रयोगों के लिए सुविधाए उपलब्ध करवायें।

शर्मा ने बताया कि अमेरिका और यूरोप के वैज्ञानिक भी रॉकेट (rocket) सम्बधी प्रयोगो में नियम को गलत साबित करने में लगे है।

अजय शर्मा
Mobile 94184 50899
Email ajoy.plus@gmail.com

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